मटर --
- मटर का मौसम आ गया है. मटर छिलना , उसे साल भर के लिए प्रीजर्व करना आदि काम शुरू हो चुके है.
- इसके लिए एक सुझाव है की बच्चों को शाम को टीवी देखते समय मटर छिलने को दे दें. वे बातें करते करते ये काम निपटा डालेंगे और साथ ही साथ ताज़ी मीठी मटर के दाने खाते भी जायेंगे जो उनके लिए बहुत अच्छे है.
- सभी छिल्कें एक अखबार के पन्ने में लपेट कर गाय को खिला दें.
- मटर त्रिदोष नाशक है; यह मल को बाँधने वाली है.
- कच्ची मटर खाने से कब्ज़ दूर होती है।
- ये स्त्रियों में माहवारी की रुकावट दूर करता है।
- मटर खाने से रक्त और माँस बढ़कर शरीर स्वस्थ होता है।
- मटर प्रोटीन का उत्तम साधन है।
- शरीर में कहीं भी दाह, जलन हो, हरी मटर पीसकर लेप करें।
- एक शोध में पता चला है कि हरी मटर में काउमेस्ट्रोल होता है जो कि एक प्रकार का फाइटोन्यूट्रीयन्ट होता है, अगर शरीर में इसकी संतुलित मात्रा होती है तो कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि अगर आप हर दिन हरी मटर का सेवन करें तो पेट का कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है।
- हरी मटर में शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने का गुण होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- इसमें एंटी - इनफ्लैमेटरी कम्पाउंड और एंटी - ऑक्सीडेंट दोनों भरपूर मात्रा में होते है। जिससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर उच्च फाइबर से भरपूर होती है जिसके सेवन से फैट नहीं बढ़ता है। इसलिए यह वजन घटाने में सहायक है।
- हरी मटर के एंटी - ऑक्सीडेंट शरीर को चुस्त - दुरूस्त रखने में सहायक होते है। इसके अलावा, हरी मटर में फ्लैवानॉड्स, फाइटोन्यूटिंस, कैरोटिन आदि होते है जो हमें हमेशा जवान और शक्ति से भरपूर बनाएं रखता है।
- हरी मटर के नियमित सेवन से भूलने की समस्या दूर हो जाती है।
- हरी मटर में उच्च फाइबर और प्रोटीन तत्व होते है जो शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करते है।
- भूनी हुई मटर के दाने और नारंगी के छिलकों को दूध में पीसकर उबटन करने से शरीर का रंग निखर जाता है।कुछ दिनों तक चेहरे पर पिसी मटर का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते है।
- यदि जाड़ो के दिनों में उंगलियों सूज जाये तो मटर के दानों का काढ़ा बनाये और थोड़े गर्म काढ़े में कुछ देर उंगलियों डुबोकर रखनी चाहिए अथवा इसके साथ मीठा तेल मिलाकर उंगलियों को धोना चाहिये।
- मटर को उबाल कर इस पानी से स्नान करने से शरीर की सूजन दूर होती है.
- शाम को यूँ ही कुछ खाने का मन हो तो ताज़ी मटर फलियों को धो कर उन्हें घी जीरे से बघार कर थोड़ा ढक कर पका लें. जब ये फलियाँ पक जाए तो इन्हें छिलके समेत खाए. ये बहुत ही स्वादिष्ट लगती है.
- मटर के दाने उबाल कर चाट की तरह खाए जा सकते है.
- इसकी कचौड़ियाँ , पराठे आदि भी बनते है.
- तो आप किस तरह मटर बनाने वाले है ?
- मटर का मौसम आ गया है. मटर छिलना , उसे साल भर के लिए प्रीजर्व करना आदि काम शुरू हो चुके है.
- इसके लिए एक सुझाव है की बच्चों को शाम को टीवी देखते समय मटर छिलने को दे दें. वे बातें करते करते ये काम निपटा डालेंगे और साथ ही साथ ताज़ी मीठी मटर के दाने खाते भी जायेंगे जो उनके लिए बहुत अच्छे है.
- सभी छिल्कें एक अखबार के पन्ने में लपेट कर गाय को खिला दें.
- मटर त्रिदोष नाशक है; यह मल को बाँधने वाली है.
- कच्ची मटर खाने से कब्ज़ दूर होती है।
- ये स्त्रियों में माहवारी की रुकावट दूर करता है।
- मटर खाने से रक्त और माँस बढ़कर शरीर स्वस्थ होता है।
- मटर प्रोटीन का उत्तम साधन है।
- शरीर में कहीं भी दाह, जलन हो, हरी मटर पीसकर लेप करें।
- एक शोध में पता चला है कि हरी मटर में काउमेस्ट्रोल होता है जो कि एक प्रकार का फाइटोन्यूट्रीयन्ट होता है, अगर शरीर में इसकी संतुलित मात्रा होती है तो कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि अगर आप हर दिन हरी मटर का सेवन करें तो पेट का कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है।
- हरी मटर में शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने का गुण होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- इसमें एंटी - इनफ्लैमेटरी कम्पाउंड और एंटी - ऑक्सीडेंट दोनों भरपूर मात्रा में होते है। जिससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- हरी मटर उच्च फाइबर से भरपूर होती है जिसके सेवन से फैट नहीं बढ़ता है। इसलिए यह वजन घटाने में सहायक है।
- हरी मटर के एंटी - ऑक्सीडेंट शरीर को चुस्त - दुरूस्त रखने में सहायक होते है। इसके अलावा, हरी मटर में फ्लैवानॉड्स, फाइटोन्यूटिंस, कैरोटिन आदि होते है जो हमें हमेशा जवान और शक्ति से भरपूर बनाएं रखता है।
- हरी मटर के नियमित सेवन से भूलने की समस्या दूर हो जाती है।
- हरी मटर में उच्च फाइबर और प्रोटीन तत्व होते है जो शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करते है।
- भूनी हुई मटर के दाने और नारंगी के छिलकों को दूध में पीसकर उबटन करने से शरीर का रंग निखर जाता है।कुछ दिनों तक चेहरे पर पिसी मटर का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते है।
- यदि जाड़ो के दिनों में उंगलियों सूज जाये तो मटर के दानों का काढ़ा बनाये और थोड़े गर्म काढ़े में कुछ देर उंगलियों डुबोकर रखनी चाहिए अथवा इसके साथ मीठा तेल मिलाकर उंगलियों को धोना चाहिये।
- मटर को उबाल कर इस पानी से स्नान करने से शरीर की सूजन दूर होती है.
- शाम को यूँ ही कुछ खाने का मन हो तो ताज़ी मटर फलियों को धो कर उन्हें घी जीरे से बघार कर थोड़ा ढक कर पका लें. जब ये फलियाँ पक जाए तो इन्हें छिलके समेत खाए. ये बहुत ही स्वादिष्ट लगती है.
- मटर के दाने उबाल कर चाट की तरह खाए जा सकते है.
- इसकी कचौड़ियाँ , पराठे आदि भी बनते है.
- तो आप किस तरह मटर बनाने वाले है ?
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