दान-धर्म पालन करने से सभी कामनाओं की प्राप्ति हो जाती है! --" दानें सर्वकामानवाप्रोति ! " [ वसिष्ठ ]
ब्रह्मचर्य धाम का पालन करने से सुन्दर रूप प्राप्त होता है और व्यक्ति चिरजीवी होता है!___ " चिरजीवित्वं ब्रह्मचारी "! [ वसिष्ठ ]
अहिंसा-धर्म का पालन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है__ " अहिंस्युपपद्यते स्वर्गम!"
सब प्रकार से अभय दान देनेवाला स्मृतिमान और मेधावी होता है___ " स्मृतिमान मेधावी सर्वतोsभयदाता! "
यदि विद्वान व्यक्ति साधु-महात्मा या योगीजनों द्वारा अभिमत अथवानिर्दिष्ट धर्ममय अचार-पद्धति का अनुपालन करता है तो उसके लिये ऐसे धर्म का पालन आत्यंतिक फलप्रद हो जाता है, उकेर लिये संसार छूट जाता हैऔर वह मोक्ष-पद को प्राप्त कर लेता है!!
" आत्यन्तिकफलप्रदं मोक्षं संसारमोचनम!
योगिनां सम्मतं विद्वनाचारमनुवर्तते !!" [ वसिष्ठ ]
ब्रह्मचर्य धाम का पालन करने से सुन्दर रूप प्राप्त होता है और व्यक्ति चिरजीवी होता है!___ " चिरजीवित्वं ब्रह्मचारी "! [ वसिष्ठ ]
अहिंसा-धर्म का पालन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है__ " अहिंस्युपपद्यते स्वर्गम!"
सब प्रकार से अभय दान देनेवाला स्मृतिमान और मेधावी होता है___ " स्मृतिमान मेधावी सर्वतोsभयदाता! "
यदि विद्वान व्यक्ति साधु-महात्मा या योगीजनों द्वारा अभिमत अथवानिर्दिष्ट धर्ममय अचार-पद्धति का अनुपालन करता है तो उसके लिये ऐसे धर्म का पालन आत्यंतिक फलप्रद हो जाता है, उकेर लिये संसार छूट जाता हैऔर वह मोक्ष-पद को प्राप्त कर लेता है!!
" आत्यन्तिकफलप्रदं मोक्षं संसारमोचनम!
योगिनां सम्मतं विद्वनाचारमनुवर्तते !!" [ वसिष्ठ ]
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