सही पार्टनर ऐसे तलाशें



सही पार्टनर ऐसे तलाशें

शादी समझौता है , ऐसा अक्सर कहा - सुना जाता है। यह बात काफी हद तक सच भी है लेकिन समझौता इतना बड़ा न हो कि आप खुद को ठगा हुआ महसूस करें। इस स्थति का सामना करने से बेहतर है कि 

जीवनसाथी का चुनाव करते वक्त ही कुछ सावधानियां बरती जाएं , ताकि जिंदगी भर का साथ निरा समझौता या बोझ बने। जीवनसाथी चुनते वक्त अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो मिस्टर / मिस राइट की 

तलाश हम आसानी से कर सकते हैं।

प्राथमिकता तय करें

जीवनसाथी चुनने से पहले अपने मन में तस्वीर साफ करें कि आप क्या हैं और आपकी वैल्यूज , जरूरतें और चाहतें क्या हैं ? उसके आधार पर आप यह भी तय कर सकेंगे कि आप अपने पार्टनर में क्या खास 

चाहते हैं ? ऐसा करते हुए प्राथमिकता तय करें कि आपके लिए सबसे जरूरी क्या है ? मसलन , आपके लिए एजुकेशन ज्यादा जरूरी है या लुक्स , आपका पार्टनर मॉडर्न सोच वाला होना चाहिए या ट्रडिशनल , आप 

जॉइंट फैमिली चाहते हैं या सिंगल , आपको वर्किंग वाइफ चाहिए या होममेकर। इस तरह की बातें अपने मन में साफ रखें। इसके बाद ही पार्टनर की तलाश शुरू करें।

समझौता जरूरी लेकिन ...

ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनके पार्टनर में तमाम खूबियां हों , इसीलिए जीवनसाथी के लिए ' सपनों का राजकुमार ' या ' सपनों की शहजादी ' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन असल जिंदगी में 

किसी भी इंसान में सारी खूबियां मिलना मुमकिन नहीं है। मिस्टर / मिस परफेक्ट जैसी बातें किताबी हैं। इसलिए समझौता तो करना ही होगा , लेकिन यह जरूर गौर करें कि आप किन चीजों पर समझौता कर 

सकते हैं और किन पर नहीं। मसलन , खूबसूरती से ज्यादा पैसा आपके लिए जरूरी है तो आप फिजिकल लुक से ज्यादा लड़के की कमाई को तवज्जो दें।

समानता तलाशें

कहा जाता है कि शादी में जाति , धर्म , एरिया , उम्र , बैकग्राउंड आदि का फर्क मायने नहीं रखता , लेकिन असल जिंदगी में ये बातें कुछ हद तक मायने रखती हैं। अगर आप सिंगल फैमिली में हैं तो इस तरह के 

फर्क से ज्यादा दिक्कत नहीं आती , लेकिन जॉइंट फैमिली में रहने पर ये फर्क आपके रिश्ते में कड़वाहट घोल सकते हैं। मसलन , अगर आप शुद्ध वेज हैं और नॉन वेज फ्रेफर करने वाली फैमिली में शादी कर रही हैं 

तो अडजेस्टमेंट में व्यावहारिक दिक्कतें पेश आएंगी ही। इसी तरह अगर आप बेहद पारंपरिक सोच वाले हैं तो बाहरी चमक - दमक के चक्कर में बेहद मॉडर्न लड़की से शादी करने की न सोचें। फैमिली , करियर , 

बिजनेस आदि पर भी एक जैसी सोच जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर एक जॉइंट फैमिली में रहना चाहता हो और दूसरा सिंगल में , एक शादी के कई साल के बाद बच्चा चाहता और दूसरा जल्दी , एक बिजनेस 

में दिलचस्पी रखता हो और दूसरा जॉब में , तो आपस में पटेगी नहीं।

ध्यान रखें -

- पैसे का बहुत फर्क नहीं होना चाहिए। अगर लड़की बहुत पैसे वाले घर से है तो उसे एक खास लाइफस्टाइल की आदत बन चुकी होगी , जिसके बिना रहना उसके लिए मुश्किल होगा।
- अगर दोनों की पढ़ाई में ज्यादा फर्क होगा तो दोनों को मानसिक सामंजस्य बिठाने में सौ दिक्कतें आएंगी।
- दोनों के बीच उम्र का बड़ा फर्क भी अक्सर बाद में परेशानी बनता है।

वैल्यूज मैच करना जरूरी

आपकी हॉबीज या ऐक्टिविटीज बेशक अलग - अलग हों , लेकिन बेसिक वैल्यू सिस्टम एक जैसा होना चाहिए। ईमानदारी , अनुशासन , प्रतिबद्धता आदि पर दोनों की सोच मिलनी चाहिए। रंग - रूप तो पहला 

दरवाजा है। उसके अंदर जरूर झांक कर देखें। अगर दोनों के वैल्यूज समान हैं तो शक्लोसूरत बड़ी वजह नहीं बनेगी। सामनेवाले के वैल्यूज के बारे में जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे किसी खास परिस्थिति 

को लेकर मनगढंत कहानी सुनाएं। मसलन , आज मैं आ रहा था तो रास्ते में एक अंकल जी के साथ टक्कर हो गई। वह काफी बहस करने लगे। मुझे तो समझ नहीं आया कि क्या करूं ? अच्छा नहीं लगता लोग 

छोटी - छोटी बातों पर झगड़ा क्यों करने लगते हैं। इस तरह की सिचुएशन पर सामनेवाला जो कुछ भी बोलेगा , वह उसका नेचरल रिएक्शन होगा। हो सकता है कि वह कहे कि तुम्हें अंकल जी को सॉरी बोलना 

चाहिए था या फिर कहे कि अरे , अंकल जी को धमकाना चाहिए था या फिर कुछ और। उसके रिएक्शन से उसके वैल्यूज के बारे में बता चल जाएगा।

फैमिली पर ध्यान दें

शहरों में आमतौर पर सिंगल फैमिली का चलन है लेकिन हमारे समाज से जॉइंट फैमिली पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। रिश्ते की बात चलने पर परिवार के बाकी सदस्यों से जरूर राय लें। यह न सोचें कि शादी तो 

लड़के / लड़की से करनी है , बाकी लोगों से क्या फर्क पड़ता है ? फर्क पड़ता है क्योंकि शादी में पार्टनर के साथ - साथ पैरंट्स , भाई - बहन आदि सबकी अपनी जगह होती है और अगर इनके साथ सही ट्यूनिंग 

नहीं बैठेगी तो आपके रिश्ते पर इसका असर दिखेगा। लड़की के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि उसे उस घर में जाकर रहना है।

वादों पर न जाएं

अक्सर युवा जोड़े एक - दूसरे से कहते पाए जाते हैं कि मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करूंगी या करूंगा। अरेंज्ड मैरिज में भी शुरूआती मुलाकातों में इसी तरह की बातें होती हैं। लड़की अगर हर हाल में अडजस्टमेंट की 

बात करती नजर आती है तो लड़का उसके सारे सपने पूरे करने का वादा करता है , लेकिन इस तरह की बातों पर आंख मूंदकर यकीन न करें। इन जज्बाती बातों व वादों और हकीकत के बीच बहुत बड़ा फर्क होता 

है। हकीकत पर गौर करें और सामनेवाले के वादों को खुद तौलें।

खुलकर पूछें सवाल

जब लड़का या लड़की एक - दूसरे से मिलने जाते हैं तो ज्यादा सवाल पूछने से बचते हैं। वजह , उन्हें लगता है कि सामनेवाला सोचेगा कि शादी करने आए हैं या इंटरव्यू लेने ? लड़कियां अक्सर यह सोचकर चुप 

रह जाती हैं कि सामनेवाले को बुरा लगेगा। परिवार वाले भी चाहते हैं कि अपने बारे में कम - से - कम बताएं। जितनी बात करेंगे , उतनी कमियां पता लगेंगी। ऐसी सोच बेकार है क्योंकि अगर बातें नहीं करेंगे या 

सवाल नहीं पूछेंगे, तो सामनेवाले के बारे में जानेंगे कैसे ? वैसे भी , बाद में जिन चीजों की जानकारी मिलने पर रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है , उनके बारे में पहले ही साफ - साफ पूछ लेना या बता देना सही है। 

रिश्ता बनना होगा तो सचाई के साथ। इससे आगे जाकर परेशानी कम होगी। हां , सवाल पूछने का अंदाज ऐसा होना चाहिए कि सामनेवाले को बुरा न लगे। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि सामनेवाला जितनी 

बातें कर रहा है , उसमें सचाई कितनी है ? इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि भविष्य की बजाय सामनेवाले के पास्ट के बारे में बातें करें। इससे उसकी असलियत पता लग पाएगी।

खुद को भी देखें

हर इंसान में कुछ खूबियां और कुछ खामियां होती हैं। हम भी इसके अपवाद नहीं हैं। सामनेवाले में सारी खूबियों की इच्छा करने की बजाय अपनी कमियों पर भी गौर करें। अपनी खामियां देखें कि आपमें क्या दोष 

हैं ? बनावटी न बनें और अपने होनेवाले पार्टनर को अपनी तारीफों के अलावा कमियां भी बताएं। इससे आगे जाकर उसकी उम्मीदें बहुत नहीं बढ़ेंगी। मन में साफ रखें कि शादी का मतलब सिर्फ पाना नहीं है , बल्कि 

समानेवाले को जिंदगी भर प्यार , सम्मान , देखभाल , पैसा आदि देने के लिए खुद को तैयार करना है। अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के लिए खुद को तैयार रखना होगा। अगर खुद तैयार नहीं होंगे तो पार्टनर 

कितना भी परफेक्ट क्यों न हो , रिश्ता चल नहीं पाएगा।

पहचान कैसे करें

अरेंज्ड मैरिज में अक्सर यह सवाल उठता है कि एक - दो मुलाकात में किसी को पहचानें कैसे ? यह सच भी है लेकिन कुछ बातों पर गौर कर हम सामनेवाले की पर्सनैलिटी का अनुमान लगा सकते हैं। हालांकि 

इनमें से कुछ बातें किताबी या फिल्मी लग सकती हैं लेकिन फिर भी इनसे सामनेवाले के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं।

- अपने वैल्यूज के आधार पर कहानियां गढ़ें और सामनेवाले को सुनाएं। इन कहानियों पर जो रिएक्शन आएंगी , वे नेचरल होंगी।
- देखें कि लड़के / लड़की का अपने घरवालों से रिश्ता कैसा है ? क्या वह उनकी इज्जत करता है ? इससे आप उसके बिहेवियर का अंदाजा लगा सकते हैं।
- लड़के / लड़की के फ्रेंड सर्कल के बारे में जानकारी हासिल करें। अगर उसका सोशल सर्कल अच्छा है तो आप जान सकते हैं कि सामनेवाला अच्छी बातचीत करता है और दूसरों को स्पेस देता है। अगर उसने 10 

साल में 25 दोस्त बदल डाले तो हो सकता है कि उसे अडजस्टमेंट प्रॉब्लम हो।
- यह देखें कि उसका ऑफिस में रिलेशनशिप कैसा है ? वह जिस पोस्ट पर काम करता है , वह उसके एक्सपीरियंस के मुताबिक है या नहीं ? इससे उसकी काबिलियत के साथ - साथ उसके रिलेशनशिप के बारे में 

भी जान सकते हैं।
- रेस्तरां में जाए तो देखें कि लकड़ा पेमेंट करता है या लड़की के पर्स खोलने का इंतजार करता है। हालांकि यह कोई तय नियम नहीं है कि पेमेंट कौन करेगा , लेकिन फिर भी मैनर्स में आता है कि लड़का पेमेंट 

करे।
- हो सके तो लड़के / लड़की का कमरा देखें। उसके कमरे की स्थिति देखकर समझ आ जाएगा कि वह कितना मैनेज्ड है ? साथ ही , साफ - सफाई को लेकर वह कितना सजग है , इसका भी अनुमान लगा सकते 

हैं।
- साथ चलते हुए देखें कि लड़के का बर्ताव खुद उसके और दूसरी लड़कियों के साथ कैसा है ? अगर वह जरूरत से ज्यादा रोकटोक करता है , कंट्रोल करता है तो वह ओवर पजेसिव हो सकता है।
- यह भी देखें कि लड़का / लड़की सिर्फ अपने बारे में तो बातें नहीं करता कि मुझे ऐसा करना है , यह पसंद है , वह बनना है आदि। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि खुद पर कुछ ज्यादा ही फोकस करता है।

लोग क्या कहेंगे

कई बार रिश्ता तय होने के बाद और शादी से पहले लड़के / लड़की या परिजनों को महसूस होने लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है , लेकिन वे यह सोचकर कोई कदम नहीं उठाते कि अब तो शादी तय हो गई है 

और बहुत देर हो गई है। अब अगर रिश्ता तोड़ेंगे तो बदनामी होगी या लोग क्या कहेंगे ? ऐसा न सोचें। रिश्ता तोड़ना आसान है , बजाय जिंदगी भर दुखी रहने या तलाक लेने के।

अपनाएं स्टार तकनीक

शादी के लिए जब लड़का / लड़की मिलते हैं तो अक्सर ज्यादातर सवालों पर कह देते हैं कि मैं ऐसा कर लूंगा या कर लूंगी। लेकिन शादी के बाद वैसा हो नहीं पाता और लड़ाइयां शुरू हो जाती हैं। इसकी वजह यह 

है कि बदलने की बात करना आसान है और बदलना मुश्किल। इसलिए बेहतर है कि शुरू में ही ढंग से पूछताछ की जाए ताकि बाद में पछताना न पड़े।

इसके लिए star तकनीक अपना सकते हैं। इसे एक सवाल और उसके जवाबों से जानते हैं। मसलन , लड़का / लड़की अगर कहता है कि वह खाना बहुत अच्छा बनाता है तो s फॉर सिचुएशन पूछें यानी खाना कब - 

कब बनाया ? T का मतलब है टास्क , यानी फलां डिश को बनाने में क्या करना चाहिए , a से एक्शन यानी डिश बनाते वक्त क्या - क्या किया था और r फॉर रिजल्ट यानी खाना कैसा बना और खाने के बाद 

लोगों का रिएक्शन कैसे रहे आदि पूछें। इस तकनीक से काफी सही जानकारी मिलती है।
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