भगवान से कुछ मांगने के बजाय, हमें उन्हें सब कुछ सौंप देना चाहिए, Instead of asking for something from God, we should hand over everything to Him
एक बार की बात है, एक राजा अपने राज्य की प्रजा का हाल जानने के लिए गांवों का दौरा कर रहा था। चलते-चलते उसके कुर्ते का सोने का बटन टूट गया। राजा ने तुरंत अपने मंत्री से पूछा, "इस गांव में कोई सुनार है जो मेरे कुर्ते का बटन ठीक कर सके?"
मंत्री ने जानकारी जुटाई और बताया, "महाराज, इस गांव में एक ही सुनार है, जो गहने बनाता है। उसे बुलाया जाए?"
राजा ने हामी भरी, और जल्द ही उस सुनार को राजा के सामने पेश किया गया। राजा ने सुनार से कहा, "तुम मेरे कुर्ते का सोने का बटन बना सकते हो?"
सुनार ने झुककर कहा, "हुज़ूर, यह कोई मुश्किल काम नहीं है।"
सुनार ने राजा के कुर्ते का दूसरा बटन ध्यान से देखा और हूबहू वैसा ही एक नया बटन बना दिया। उसने बटन को कुर्ते में लगा दिया, और राजा का कुर्ता फिर से पहले जैसा चमकने लगा।
राजा उसकी कुशलता और मेहनत से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने सुनार से पूछा, "कितने पैसे दूं?"
सुनार विनम्रता से बोला, "महाराज, रहने दीजिए, यह तो छोटा सा काम था।"
सुनार ने मन में सोचा, "सोना तो राजा का ही था, मैंने बस अपनी कला का इस्तेमाल किया है। राजा से मजदूरी लेना उचित नहीं है।"
लेकिन राजा ने दोबारा पूछा, "नहीं, तुम अपनी मेहनत की कीमत बताओ, कितने दूं?"
अब सुनार असमंजस में पड़ गया। उसने सोचा, "अगर मैं दो रुपये मांगता हूँ, तो राजा कहीं यह न सोचे कि यह तो एक बटन के लिए भी इतने पैसे मांग रहा है। फिर राजा मुझ पर नाराज हो सकता है। उस जमाने में दो रुपये की कीमत भी बहुत होती थी।"
थोड़ी देर सोचने के बाद, सुनार ने विनम्रता से कहा, "महाराज, जो आपकी इच्छा हो, दे दीजिए।"
राजा ने सुनार की सादगी और निस्वार्थ भाव को देखकर मंत्रियों से कहा, "इस सुनार को दो गांव इनाम में दे दो। यह हमारा हुक्म है।"
सुनार, जो दो रुपये की मामूली मजदूरी सोच रहा था, यह सुनकर चौंक गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजा ने उसे दो गांव दे दिए। उसकी विनम्रता और निस्वार्थ सेवा ने उसे जीवन का सबसे बड़ा इनाम दिला दिया था।
शिक्षा:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम कुछ मांगते हैं, तो हमारी सोच सीमित होती है। हम अपनी परिस्थितियों के अनुसार छोटी-छोटी चीजें मांगते हैं, लेकिन जब हम अपनी इच्छाएं भगवान पर छोड़ देते हैं, तो वह हमें हमारे सपनों से भी अधिक और बेहतर देता है। भगवान से कुछ मांगने के बजाय, हमें उन्हें सब कुछ सौंप देना चाहिए, क्योंकि वह हमें हमारे हिस्से का सर्वश्रेष्ठ देते हैं।
कई बार, हमारी माँग छोटी होती है, लेकिन देने वाला अनंत है। इसलिए, हर परिस्थिति में भरोसा बनाए रखें और यह मानें कि जो कुछ भी वह हमें दे रहा है, वह हमारे भले के लिए है।