जीवन में सही और गलत के बीच फर्क समझना बेहद ज़रूरी

तीन साल पहले की बात है। उस समय एक लोकप्रिय टीवी सीरीज़, क्राइम पेट्रोल: डायल 100, काफी चर्चा में थी। इस सीरीज़ में दिखाए गए पारिवारिक रिश्तों के गलत और अशोभनीय पहलुओं ने मुझे बुरी तरह से प्रभावित किया। इस सीरीज़ को देखने की आदत ऐसी बन गई कि मेरी सोच पर इसका गहरा असर पड़ा। मैंने यह मान लिया कि जो भी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है, वह असल जीवन में भी संभव है। मेरे दिमाग में यह विचार आने लगा कि पारिवारिक रिश्तों में भी शारीरिक संबंध बनाए जा सकते हैं।

जीवन में सही और गलत के बीच फर्क समझना बेहद ज़रूरी

हमारे घर में मेरे माता-पिता, छोटी बहन, और मेरे चाचा-चाची रहते थे। मेरी चाची की शादी को दो साल ही हुए थे, और वह स्वभाव से बहुत हंसमुख और प्रेमपूर्वक बात करने वाली थीं। उनके इस स्वभाव ने मेरे दिमाग में गलतफहमी पैदा कर दी, और मैं सोचने लगा कि शायद उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की संभावना हो सकती है, जैसा कि मैंने सीरीज़ में देखा था।

एक दिन, अपनी इन गलतफहमियों के चलते, मैंने चाची की ओर कुछ ऐसा कदम उठाने की कोशिश की जो बिल्कुल गलत था। मैंने सोचा कि हल्के-फुल्के संकेतों से वह राज़ी हो जाएंगी, जैसा कि सीरीज़ में दिखाया जाता था। लेकिन हकीकत सीरीज़ से बहुत अलग थी। उन्होंने मुझे तुरंत एक जोरदार थप्पड़ मारा और कहा कि वह मेरी यह हरकत मम्मी-पापा को बताने जा रही हैं।

उस समय मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ। मैंने बहुत माफी मांगी और उनसे कहा कि मैं अपनी सोच को सुधारूंगा। उनकी गंभीर चेतावनी ने मेरी आंखें खोल दीं। उन्होंने कहा, "अगर दोबारा ऐसा हुआ, तो मैं तुम्हारे माता-पिता को सबकुछ बता दूंगी।"

इस घटना ने मुझे एक गहरी सीख दी। मुझे यह समझ में आया कि टीवी सीरीज़ और वेब शोज़ में जो दिखाया जाता है, वह केवल मनोरंजन के लिए होता है, न कि वास्तविक जीवन का प्रतिबिंब। इन कहानियों का उद्देश्य अक्सर दर्शकों को आकर्षित करना होता है, लेकिन यह हमारे दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मेरी इस कहानी का उद्देश्य है कि आप सब सावधान रहें। ऐसे किसी भी सीरीज़, फिल्म, या कंटेंट से बचें, जो आपके मन में नकारात्मक सोच और गलत धारणाएं पैदा करे। यह केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को खराब करेगा और आपको अनचाहे विवादों में फंसा सकता है।

युवाओं और बच्चों से मेरी यही अपील है कि अपने समय का उपयोग सकारात्मक चीज़ों में करें, और हर तरह की जानकारी को समझदारी से स्वीकार करें। कोई भी ऐसा कदम न उठाएं, जो न केवल आपके बल्कि आपके परिवार के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बने। जीवन में सही और गलत के बीच फर्क समझना बेहद ज़रूरी है।

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