विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म मूंगफली का स्वाद ही कुछ और होता है लेकिन बात जब आपकी सेहत से जुड़ी हो तो इसके फायदों की कोई कमी नहीं है। मूंगफली के फायदों से पहले बात करते हैं इसमें मौजूद पोषक तत्वों की। करीब 100 ग्राम मूंगफली में आपको 567 कैलोरी, 49 ग्राम फैट्स जिसमें सात ग्राम सैचुरेटेड 40 ग्राम अनसैचुरेटेड फैट्स, जीरो कोलेस्ट्रॉल, सोडियम 18 मिलीग्राम, पोटैशियम 18 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट, फोलेट, विटामिन्स, प्रोटीन, फाइबर आदि अच्छी मात्रा में हैं। फर्टिलिटी बढ़ती है मूंगफली में फोलेट अच्छी मात्रा में है। कई शोधों में माना जा चुका है कि जो महिलाओं 700 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड वाली डाइट का सेवन करती हैं उनके गर्भवती होने व गर्भस्थ शिशुओं की सेहत में 70 प्रतिशत तक का फायदा होता है। ब्लड शुगर पर नियंत्रण एक चौथाई कप मूंगफली के सेवन से शरीर को 35 प्रतिशत तक मैगनीज मिलता है जो फैट्स पर नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है। इसका नियमित सेवन खून में शुगर की मात्रा संतुलित रखता है। तेज दिमाग के लिए मूंगफली में विटामिन बी3 अच्छी मात्रा में है जो दिमाग के लिए फायदेमंद है। यह याददाश्त बढ़ाने में काफी मददगार है। स्टोन से छुटकारा कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि एक मुट्ठी मूंगफली का नियमित सेवन गॉल ब्लैडर में स्टोन के रिस्क को 25 प्रतिशत कम करता है। दिल के दौरे से बचाव मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह धमनियों के ब्लॉकेज के रिस्क को भी कम करने में मदद करता है। वजन घटाने में फायदेमंद शोधों में मानी जा चुका है कि जो लोग रोज मूंगफली का सेवन करते हैं उन्हें वजन घटाने में दूसरों की अपेक्षा दोगुनी आसानी होती है।
पेट दर्द मे हींग का प्रयोग लाभकारी होता है। 2 ग्राम हींग थोड़े पानी के साथ पीसकर पेस्ट बनाएं। नाभी पर और उसके आस-पास यह पेस्ट लगाए। अजवाइन को तवे पर सेक लें और काले नमक के साथ पीसकर पाउडर बनाएं। 2-3 ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से पेट का दर्द दूर होता है। जीरे को तवे पर सेकें और 2-3 ग्राम की मात्रा गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार लें। इसे चबाकर खाने से भी लाभ होता है। पुदिने और नींबू का रस एक-एक चम्मच लें। अब इसमें आधा चम्मच अदरक का रस और थोडा सा काला नमक मिलाकर उपयोग करें। दिन में 3 बार इस्तेमाल करें, पेट दर्द में आराम मिलेगा। सूखी अदरक मुंह में रखकर चूसने से भी पेट दर्द में राहत मिलती है। [इसे भी पढ़े : लौंग के फायदे] बिना दूध की चाय पीने से भी कुछ लोग पेट दर्द में आराम महसूस करते हैं। अदरक का रस नाभी स्थल पर लगाने और हल्की मालिश करने से पेट दर्द में लाभ होता है। अगर पेट दर्द एसिडीटी (अम्लता) से हो रहा हो तो पानी में थोड़ा सा मीठा सोडा डालकर पीने से फ़ायदा होता है। पेट दर्द निवारक चूर्ण बनाएं। इसके लिए भुना हुआ जीरा, काली मिर्च, सौंठ, लहसून, धनिया, हींग सूखी पुदीना पत्ती, सबकी बराबर मात्रा लेकर बारिक चूर्ण बनाएं। इसमें थोडा सा काला नमक भी मिलाएं। खाने के बाद एक चम्मच थोड़े से गर्म पानी के साथ लें। पेट दर्द में आशातीत लाभकारी है। एक चम्मच शुद्ध घी में हरे धनियें का रस मिलाकर लेने से पेट की व्याधि दूर होती है। अदरक का रस और अरंडी का तेल प्रत्येक एक-एक चम्म च मिलाकर दिन में 3 बार लेने से पेट दर्द दूर होता है। [इसे भी पढ़े : अदरक के फायदे] अदरक का रस एक चम्मच, नींबू का रस 2 चम्मच लेकर उसमें थोडी सी शक्कदर मिलाकर प्रयोग करें। पेट दर्द में लाभ होगा। दिन में 2-3 बार ले सकते हैं। अनार पेट दर्द मे फ़ायदेमंद है। अनार के बीज निकालें। थोडी मात्रा में नमक और काली मिर्च का पाउडर डालें। और दिन में दो बार लेते रहें। मेथी के बीज पानी में भिगोएं। पीसकर पेस्ट बनाएं। और इस पेस्ट को 200 ग्राम दही में मिलाकर दिन में दो बार लेने से पेट के विकार नष्ट होते हैं। इसबगोल के बीज दूध में 4 घंटे भिगोएं। रात को सोते समय लेते रहने से पेट में मरोड का दर्द और पेचिश ठीक होती है। सौंफ़ में पेट का दर्द दूर करने के गुण होते है। 15 ग्राम सौंफ़ रात भर एक गिलास पानी में भिगोएं। छानकर सुबह खाली पेट पीयें। बहुत गुणकारी उपचार है। आयुर्वेद के अनुसार हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है। छाती और पेट दर्द में हींग का सेवन बेहद लाभकारी होता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर एकदम थोडी सी हींग को एक चम्मच पानी में घोलकर पका लें। फिर बच्चे की नाभि के चारों लगा दें। कुछ देर बाद दर्द दूर हो जाता है। नींबू के रस में काला नमक, जीरा, अजवायन चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
प्याज के फायदे बहुत होते हैं और यह बहुत ही शानदार घरेलू नुस्खा है। प्याज खाने को स्वादिष्ट बनाने का काम तो करता ही है साथ ही यह एक बेहतरीन औषधि भी है। कई बीमारियों में यह रामबाण दवा के रूप में काम करता है। प्याज का प्रयोग खाने में बहुत किया जाता है। प्याज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। प्याज लू की रामबाण दवा है। आंखों के लिए यह बेहतरीन औषधि है। प्याज में केलिसिन और रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि प्याज आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। प्याज के लाभ – लू लगने पर – गर्मियों के मौसम में प्याज खाने सू लू नहीं लगती है। लू लगने पर प्याज के दो चम्मच रस को पीना चाहिए और सीने पर रस की कुछ बूंदों से मालिश करने पर फायदा होता है। एक छोटा प्याज साथ में रखने पर भी लू नहीं लगती है। बालों के लिए – बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते हुए बालों के स्थान पर प्याज का रस रगडने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके अलावा बालों का लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू हो जाते हैं। पेशाब बंद होने पर – अगर पेशाब होना बंद हो जाए तो प्याज दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलुवा बना लीजिए। इसको गर्म करके पेट पर इसका लेप लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है। पानी में उबालकर पीने से भी पेशाब संबंधित समस्या समाप्त हो जाती है। जुकाम के लिए – प्याज गर्म होती है इसलिए सर्दी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। सर्दी या जुकाम होने पर प्याज खाने से फायदा होता है। उम्र के लिए – प्याज खाने से कई शारीरिक बीमारियां नहीं होती हैं। इसके आलावा प्याज कइ बीमारियों को दूर भगाता है। इसलिए यह कहा जाता है कि प्याज खाने से उम्र बढती है, क्योंकि इसके सेवन से कोई बीमारी नहीं होती और शरीर स्वस्थ्य रहता है। पथरी के लिए – अगर आपको पथरी की शिकायत है तो प्याज आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने- आप कटकर प्यास के रास्ते से बाहर निकल जाती है। गठिया के लिए – गठिया में प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है। गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश करें, फायदा होगा। यौन शक्ति के लिए – प्याज खाने से शरीर की सेक्स क्षमता बढती है। शारीरिक क्षमता को बढाने के लिए पहले से ही प्याज का इस्तेमाल होता आया है। प्याज आदमियों के लिए सेक्स पॉवर बढाने का सबसे अच्छा टॉनिक है। इसके अलावा प्याज कई अन्य सामान्य शारीरिक समस्याओं जैसे – मोतियाबिंद, सिर दर्द, कान दर्द और सांप के काटने पर भी प्रयोग किया जाता है। प्याज का पेस्ट लगाने से फटी एडियों को राहत मिलती है।
1. अश्रु कायर बहाते हैं। अतः साहसी बनें और किसी अवसर के खो जाने पर कभी भी आँसू न बहायें। 2. दूसरों की शिकायत करने वाला व्यक्ति हमेशा अशांत रहता है और कभी भी सफल नहीं हो पाता। सफलता और शांति पाने के लिये बेहतर है कि स्वयं को बदलें। 3. स्वर्ग में जाकर गुलामी बनने की अपेक्षा नर्क में जाकर राजा बनना बेहतर है। 4. भले ही आपका जन्म सामान्य हो, आपकी मृत्यु इतिहास बन सकती है। 5. अन्धेरी रात के बाद चमकीला सुबह अवश्य ही आता है। 6. ‘आँखों से देखा’ एक बार अविश्वसनीय हो सकता है किन्तु ‘अनुभव से सीखा’ कभी भी अविश्वसनीय नहीं हो सकता। 7. कल की असफलता वह बीज है जिसे आज बोने पर आने वाले कल में सफलता का फल मिलता है। 8. भूत इतिहास होता है, भविष्य रहस्य होता है और वर्तमान ईश्वर का वरदान होता है। 9. कोई भी कार्य सही या गलत नहीं होता, हमारी सोच उसे सही या गलत बनाती है। 10. दूसरों की गलती निकालना बहुत सरल है पर स्वयं की गलती निकालना बहुत दुष्कर है। 11. यदि किसी समस्या को सुलझाया जा सकता है तो फिर फिक्र करने की क्या आवश्यकता है और यदि नहीं सुलझाया जा सकता तो फिर फिक्र करने से क्या फायदा है? 12. सद्कार्य वे फूल हैं जिनसे प्रेम की माला बनती है। 13. हर अच्छा कार्य आरम्भ में असम्भव होता है। 14. जो कार्य आज हमें सरल लगते हैं वही कभी हमारे लिए ही कठिन थे। 15. सच्ची खुशी तब मिलती है जब आपके कार्य तथा वाणी से स्वयं के साथ दूसरों को भी लाभ मिलता है। 16. जहाँ प्रेम है वहीं जीवन है। 17. हम किसी बड़ी खुशी के इंतजार में छोटी- छोटी खुशियों को अनदेखा कर देते हैं, छोटी- छोटी खुशियों का आनन्द लीजिए, एक दिन वही छोटी छोटी खुशियाँ आपको बड़ी खुशी लगने लगेगी।
अगर आपका फोन धोखे से गीला हो गया है तो उसे सुखाने के लिए आप क्या करते हैं, मोबाइल फोन एक ऐसा गैजेट है जिसे आप चाहें तो कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे बाथरूम, किचन, गार्डेन में ऐसे मे मोबाइल के भीगने का खतरा दुगना रहता है। अगर बरसात का मौसम हो तब तो मोबाइल फोन का खास ध्यान रखना चाहिए। काफी लोगों से इस बारे में बात करने पर पता चला ज्यादातर लोग अपने फोन को धूप में रख देते हैं लेकिन बाद में उनका फोन तो सही काम करने लगता है लेकिन स्क्रीन खराब हो जाती है। ऐसे ही कई लोग फोन को सुखाने के लिए अनोखे तरीके अपनाते हैं। जैसे ओवन में फोन को रख कर सुखाना, हीटर के ऊपर रखना। लेकिन ये सभी तरीके आपके फोन को खराब कर सकते हैं हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिनकी मदद से आप बिना किसी नुकसान के अपना फोन सुखा सकते हैं। how dry cell phone with rice फोन को सुखाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें सबसे पहले अपने फोन को स्विच ऑफ कर दें। फोन भीग जाने पर कभी भी उसे ऑन करने की कोशिश न करें फोन में अंतर शार्ट सर्किट हो सकता है। फोन स्विच ऑफ करने के बाद उसके बैक पैनल को ओपेन करें और बैटरी, सिम कि अलावा मैमोरी कार्ड अलग कर दें। अगर आपके पास टिशू पेपर है और फोन के ऊपरी भाग में पानी दिख रहा हो तो टिशू पेपर से उसे साफ कर दें। लेकिन ध्यान से टिशू पेपर पानी में रखते ही अपने आप पानी सोख लेगा कभी भी पेपर को फोन की चिप में रगड़े नहीं। अब एक बॉउल में चावल ले भर कर लें, चावल सभी लोगों के घर में आसानी से उपलब्ध रहता है। बाउल में भरे चावल में अपने फोन की बैटरी, सिम, और फोन को रख दे, फोन को चावल के थोड़ा अंदर तक रखें। अब बाउल को थोड़ी देर के लिए धूप में रख दें, इससे आपका फोन धूप में खराब भी नहीं होगा और चावल गर्म होने के से फोन के अंदर का पानी सूख जाएगा। धूप में थोड़ी देर रखने के बाद आप अपने फोन को चावल से निकाल कर ध्यान से देख लें कि फोन के ऑडियो पोर्ट में और जैक में चावल के दाने तो नहीं चले गए है। जैक और पोर्ट चेक करने के बाद फोन में बैटरी और सिम लगाकर ऑन करके देखें आपको फोन पहले की तरह काम करने लगेगा....
* मधुमक्खी एक बार में 20 लाख फूलों का रस पी सकती है। और उसके बाद मात्र 45 किलो ही शहद बनाती है।
* व्हेल मछली उलटी दिशा में नहीं तैर सकती।
* समुद्र मे गहरा गोता लगाने के लिए मगरमच्छ कभी-कभी भारी पत्थर भी निगल लेता है।
* शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन वह गेंडे और हाथी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता।
इंसुलिन का प्रयोग किस बीमारी के उपचार में होता है ? -मधुमेह
कम्प्यूटर में प्रयुक्त होने वाला आईसी चिप्स किसका बना होता है ? -सिलीकाँन
. भारत का सिलिकॉन वैली कहॉ स्थिति है ? -बैँगलौर
कम्प्यूटर विज्ञान मे पीएचडी करने वाले प्रथम भारतीय कौन है ? -ङाँ राजरेड्डी
. विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क का नाम बताएं ? -इन्टरनैट
. कम्प्यूटर मे प्रोग्राम की सूची को क्या कहा जाता है ? -मैन्यु
रेलवे मे प्रथम कम्प्यूटर रिजर्वेशन पद्धति कहां लागू की गई थी? - नई दिल्ली
. बेनेडिक्ट-16 पोप कार्डीनल का शुभ नाम क्या है ? -जोसेफ रेटिन्जर
. शब्द फयूरर (Furer) किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ? -हिटलर
गणना संयन्त्र एबाकस (Abacus) काआविष्कार किस देश में हुआ था ? -चीन
. विश्व की प्रथम महिला कम्प्यूटर प्रोग्रामर होने का श्रय किसे जाता है? -ऐडा आँगस्टा (अमेरिका)
. वाई टू के (Y2K) की समस्या से प्रभावित विश्व का एकमात्र देश कौन था? -जाम्बिया
. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटरों वाला देश का नाम बताएं ? -सँ. रा. अमेरिका
. वह कौनसी प्रथम भारतीय पत्र/पत्रिकाएं है जो इंटरनेट पर उपलब्ध हुई ? - द हिन्दु और इंडिया टुडे
. इंटरनेट पर विश्व का प्रथम उपन्यास कौनसा है ? - राइडिँग द बुलेट लेखक~ स्टीफन किँग . विश्व की प्रथम वर्चुअल समाचार वाचिका का नाम बताएं ? -एनानोवा
इंटरनेट का सम्राट किसे कहा जाता है ? -मायायोशी सन को
देश की पहली अन्तर्राष्ट्रीय इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी है ? -मँत्र आँनलाईन
. इंटरनेट पर जनगणना करने वाला विश्व का पहला देश कौनसा है ? -सिँगापुर
. विश्व में सबसे कम उम्र के वेब डिजाइनर होने का गौरव किसने प्राप्त किया ? -अजय पुरी
. ‘परम पद्म’ भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर है। इस सुपर कम्प्यूटर का विकास किसके द्वारा किया गया है ? -पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डेक)
. कम्प्यूटर में किसी शब्द की लम्बाई किससे नापी जाती है ? -बिट्स
. सूचना राजपथ किसे कहते हैं ? -इँटरनेट
. इंटरनेट के आविष्कारक कौन माने जाते है ? -डाँ विन्ट सर्फ
. विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है ? -2 दिसम्बर
. भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की सर्वाधिक संख्या किस राज्य में है ? - महाराष्ट्र
. स्वतंत्रता के पश्चात् पहला रजत पदक दिलाने वाला व्यक्ति कौन है ? -राज्यवर्द्वन सिँह राठौङ
ग्रा.ड स्लैम टेनिस में कोई खिताब जीतने वाली भारत की प्रथम महिला कौन है ? -सानिया मिर्जा
कैनेडा एक भारतीय शब्द है जिसका अर्थ एक बड़ा गाँव होता है ।
-27 फीसदी अमेरिकी मानते हैं कि मनुष्य कभी भी चंद्रमा पर उतरा ही नहीं है।
. सारनाथ स्तम्भ का निर्माण किसने किया था ? उत्तर: अशोक ने
. 'कारागम' धार्मिक लोक नृत्य किस राज्य से सम्बंधित है ? उत्तर: तमिलनाडु से
. योग दर्शन के प्रतिपादक कौन हैं ? उत्तर: पंतजलि
. हरित क्रांति से भारत के कौन से राज्य सर्वाधिक लाभान्वित हुए ? उत्तर: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश
. किसे फोर्ब्स लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2008 प्राप्त हुआ ? उत्तर: लक्ष्मी मित्तल को
. भारत में दो सर्वाधिक नगरीय राज्य कौन से हैं ? उत्तर: गोवा एवं मिजोरम
. भारत की एक चौथाई से अधिक जनसँख्या जिन दो राज्यों में निवास करती है वे कौन से हैं ? उत्तर: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश
. 2001 की जनसँख्या के अनुसार भारत में नगरीय जनसँख्या का प्रतिशत कितना है ? उत्तर: 27.8
. सौर्यमंडल में छुद्र ग्रह छोटे खगोलीय पिंड हैं, जो जिन ग्रहों के मध्य पाए जाते हैं, वे हैं - उत्तर : मंगल एवं बृहस्पति
. बिसरामपुर किसके खनन के लिए प्रसिद्द है ? उत्तर: कोयला
पक्षी जगत में सिर्फ उल्लू को नीला रंग दिखाई देता है
शादी समझौता है , ऐसा अक्सर कहा - सुना जाता है। यह बात काफी हद तक सच भी है लेकिन समझौता इतना बड़ा न हो कि आप खुद को ठगा हुआ महसूस करें। इस स्थति का सामना करने से बेहतर है कि
जीवनसाथी का चुनाव करते वक्त ही कुछ सावधानियां बरती जाएं , ताकि जिंदगी भर का साथ निरा समझौता या बोझ बने। जीवनसाथी चुनते वक्त अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो मिस्टर / मिस राइट की
तलाश हम आसानी से कर सकते हैं।
प्राथमिकता तय करें
जीवनसाथी चुनने से पहले अपने मन में तस्वीर साफ करें कि आप क्या हैं और आपकी वैल्यूज , जरूरतें और चाहतें क्या हैं ? उसके आधार पर आप यह भी तय कर सकेंगे कि आप अपने पार्टनर में क्या खास
चाहते हैं ? ऐसा करते हुए प्राथमिकता तय करें कि आपके लिए सबसे जरूरी क्या है ? मसलन , आपके लिए एजुकेशन ज्यादा जरूरी है या लुक्स , आपका पार्टनर मॉडर्न सोच वाला होना चाहिए या ट्रडिशनल , आप
जॉइंट फैमिली चाहते हैं या सिंगल , आपको वर्किंग वाइफ चाहिए या होममेकर। इस तरह की बातें अपने मन में साफ रखें। इसके बाद ही पार्टनर की तलाश शुरू करें।
समझौता जरूरी लेकिन ...
ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनके पार्टनर में तमाम खूबियां हों , इसीलिए जीवनसाथी के लिए ' सपनों का राजकुमार ' या ' सपनों की शहजादी ' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन असल जिंदगी में
किसी भी इंसान में सारी खूबियां मिलना मुमकिन नहीं है। मिस्टर / मिस परफेक्ट जैसी बातें किताबी हैं। इसलिए समझौता तो करना ही होगा , लेकिन यह जरूर गौर करें कि आप किन चीजों पर समझौता कर
सकते हैं और किन पर नहीं। मसलन , खूबसूरती से ज्यादा पैसा आपके लिए जरूरी है तो आप फिजिकल लुक से ज्यादा लड़के की कमाई को तवज्जो दें।
समानता तलाशें
कहा जाता है कि शादी में जाति , धर्म , एरिया , उम्र , बैकग्राउंड आदि का फर्क मायने नहीं रखता , लेकिन असल जिंदगी में ये बातें कुछ हद तक मायने रखती हैं। अगर आप सिंगल फैमिली में हैं तो इस तरह के
फर्क से ज्यादा दिक्कत नहीं आती , लेकिन जॉइंट फैमिली में रहने पर ये फर्क आपके रिश्ते में कड़वाहट घोल सकते हैं। मसलन , अगर आप शुद्ध वेज हैं और नॉन वेज फ्रेफर करने वाली फैमिली में शादी कर रही हैं
तो अडजेस्टमेंट में व्यावहारिक दिक्कतें पेश आएंगी ही। इसी तरह अगर आप बेहद पारंपरिक सोच वाले हैं तो बाहरी चमक - दमक के चक्कर में बेहद मॉडर्न लड़की से शादी करने की न सोचें। फैमिली , करियर ,
बिजनेस आदि पर भी एक जैसी सोच जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर एक जॉइंट फैमिली में रहना चाहता हो और दूसरा सिंगल में , एक शादी के कई साल के बाद बच्चा चाहता और दूसरा जल्दी , एक बिजनेस
में दिलचस्पी रखता हो और दूसरा जॉब में , तो आपस में पटेगी नहीं।
ध्यान रखें -
- पैसे का बहुत फर्क नहीं होना चाहिए। अगर लड़की बहुत पैसे वाले घर से है तो उसे एक खास लाइफस्टाइल की आदत बन चुकी होगी , जिसके बिना रहना उसके लिए मुश्किल होगा। - अगर दोनों की पढ़ाई में ज्यादा फर्क होगा तो दोनों को मानसिक सामंजस्य बिठाने में सौ दिक्कतें आएंगी। - दोनों के बीच उम्र का बड़ा फर्क भी अक्सर बाद में परेशानी बनता है।
वैल्यूज मैच करना जरूरी
आपकी हॉबीज या ऐक्टिविटीज बेशक अलग - अलग हों , लेकिन बेसिक वैल्यू सिस्टम एक जैसा होना चाहिए। ईमानदारी , अनुशासन , प्रतिबद्धता आदि पर दोनों की सोच मिलनी चाहिए। रंग - रूप तो पहला
दरवाजा है। उसके अंदर जरूर झांक कर देखें। अगर दोनों के वैल्यूज समान हैं तो शक्लोसूरत बड़ी वजह नहीं बनेगी। सामनेवाले के वैल्यूज के बारे में जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे किसी खास परिस्थिति
को लेकर मनगढंत कहानी सुनाएं। मसलन , आज मैं आ रहा था तो रास्ते में एक अंकल जी के साथ टक्कर हो गई। वह काफी बहस करने लगे। मुझे तो समझ नहीं आया कि क्या करूं ? अच्छा नहीं लगता लोग
छोटी - छोटी बातों पर झगड़ा क्यों करने लगते हैं। इस तरह की सिचुएशन पर सामनेवाला जो कुछ भी बोलेगा , वह उसका नेचरल रिएक्शन होगा। हो सकता है कि वह कहे कि तुम्हें अंकल जी को सॉरी बोलना
चाहिए था या फिर कहे कि अरे , अंकल जी को धमकाना चाहिए था या फिर कुछ और। उसके रिएक्शन से उसके वैल्यूज के बारे में बता चल जाएगा।
फैमिली पर ध्यान दें
शहरों में आमतौर पर सिंगल फैमिली का चलन है लेकिन हमारे समाज से जॉइंट फैमिली पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। रिश्ते की बात चलने पर परिवार के बाकी सदस्यों से जरूर राय लें। यह न सोचें कि शादी तो
लड़के / लड़की से करनी है , बाकी लोगों से क्या फर्क पड़ता है ? फर्क पड़ता है क्योंकि शादी में पार्टनर के साथ - साथ पैरंट्स , भाई - बहन आदि सबकी अपनी जगह होती है और अगर इनके साथ सही ट्यूनिंग
नहीं बैठेगी तो आपके रिश्ते पर इसका असर दिखेगा। लड़की के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि उसे उस घर में जाकर रहना है।
वादों पर न जाएं
अक्सर युवा जोड़े एक - दूसरे से कहते पाए जाते हैं कि मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करूंगी या करूंगा। अरेंज्ड मैरिज में भी शुरूआती मुलाकातों में इसी तरह की बातें होती हैं। लड़की अगर हर हाल में अडजस्टमेंट की
बात करती नजर आती है तो लड़का उसके सारे सपने पूरे करने का वादा करता है , लेकिन इस तरह की बातों पर आंख मूंदकर यकीन न करें। इन जज्बाती बातों व वादों और हकीकत के बीच बहुत बड़ा फर्क होता
है। हकीकत पर गौर करें और सामनेवाले के वादों को खुद तौलें।
खुलकर पूछें सवाल
जब लड़का या लड़की एक - दूसरे से मिलने जाते हैं तो ज्यादा सवाल पूछने से बचते हैं। वजह , उन्हें लगता है कि सामनेवाला सोचेगा कि शादी करने आए हैं या इंटरव्यू लेने ? लड़कियां अक्सर यह सोचकर चुप
रह जाती हैं कि सामनेवाले को बुरा लगेगा। परिवार वाले भी चाहते हैं कि अपने बारे में कम - से - कम बताएं। जितनी बात करेंगे , उतनी कमियां पता लगेंगी। ऐसी सोच बेकार है क्योंकि अगर बातें नहीं करेंगे या
सवाल नहीं पूछेंगे, तो सामनेवाले के बारे में जानेंगे कैसे ? वैसे भी , बाद में जिन चीजों की जानकारी मिलने पर रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है , उनके बारे में पहले ही साफ - साफ पूछ लेना या बता देना सही है।
रिश्ता बनना होगा तो सचाई के साथ। इससे आगे जाकर परेशानी कम होगी। हां , सवाल पूछने का अंदाज ऐसा होना चाहिए कि सामनेवाले को बुरा न लगे। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि सामनेवाला जितनी
बातें कर रहा है , उसमें सचाई कितनी है ? इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि भविष्य की बजाय सामनेवाले के पास्ट के बारे में बातें करें। इससे उसकी असलियत पता लग पाएगी।
खुद को भी देखें
हर इंसान में कुछ खूबियां और कुछ खामियां होती हैं। हम भी इसके अपवाद नहीं हैं। सामनेवाले में सारी खूबियों की इच्छा करने की बजाय अपनी कमियों पर भी गौर करें। अपनी खामियां देखें कि आपमें क्या दोष
हैं ? बनावटी न बनें और अपने होनेवाले पार्टनर को अपनी तारीफों के अलावा कमियां भी बताएं। इससे आगे जाकर उसकी उम्मीदें बहुत नहीं बढ़ेंगी। मन में साफ रखें कि शादी का मतलब सिर्फ पाना नहीं है , बल्कि
समानेवाले को जिंदगी भर प्यार , सम्मान , देखभाल , पैसा आदि देने के लिए खुद को तैयार करना है। अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के लिए खुद को तैयार रखना होगा। अगर खुद तैयार नहीं होंगे तो पार्टनर
कितना भी परफेक्ट क्यों न हो , रिश्ता चल नहीं पाएगा।
पहचान कैसे करें
अरेंज्ड मैरिज में अक्सर यह सवाल उठता है कि एक - दो मुलाकात में किसी को पहचानें कैसे ? यह सच भी है लेकिन कुछ बातों पर गौर कर हम सामनेवाले की पर्सनैलिटी का अनुमान लगा सकते हैं। हालांकि
इनमें से कुछ बातें किताबी या फिल्मी लग सकती हैं लेकिन फिर भी इनसे सामनेवाले के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं।
- अपने वैल्यूज के आधार पर कहानियां गढ़ें और सामनेवाले को सुनाएं। इन कहानियों पर जो रिएक्शन आएंगी , वे नेचरल होंगी। - देखें कि लड़के / लड़की का अपने घरवालों से रिश्ता कैसा है ? क्या वह उनकी इज्जत करता है ? इससे आप उसके बिहेवियर का अंदाजा लगा सकते हैं। - लड़के / लड़की के फ्रेंड सर्कल के बारे में जानकारी हासिल करें। अगर उसका सोशल सर्कल अच्छा है तो आप जान सकते हैं कि सामनेवाला अच्छी बातचीत करता है और दूसरों को स्पेस देता है। अगर उसने 10
साल में 25 दोस्त बदल डाले तो हो सकता है कि उसे अडजस्टमेंट प्रॉब्लम हो। - यह देखें कि उसका ऑफिस में रिलेशनशिप कैसा है ? वह जिस पोस्ट पर काम करता है , वह उसके एक्सपीरियंस के मुताबिक है या नहीं ? इससे उसकी काबिलियत के साथ - साथ उसके रिलेशनशिप के बारे में
भी जान सकते हैं। - रेस्तरां में जाए तो देखें कि लकड़ा पेमेंट करता है या लड़की के पर्स खोलने का इंतजार करता है। हालांकि यह कोई तय नियम नहीं है कि पेमेंट कौन करेगा , लेकिन फिर भी मैनर्स में आता है कि लड़का पेमेंट
करे। - हो सके तो लड़के / लड़की का कमरा देखें। उसके कमरे की स्थिति देखकर समझ आ जाएगा कि वह कितना मैनेज्ड है ? साथ ही , साफ - सफाई को लेकर वह कितना सजग है , इसका भी अनुमान लगा सकते
हैं। - साथ चलते हुए देखें कि लड़के का बर्ताव खुद उसके और दूसरी लड़कियों के साथ कैसा है ? अगर वह जरूरत से ज्यादा रोकटोक करता है , कंट्रोल करता है तो वह ओवर पजेसिव हो सकता है। - यह भी देखें कि लड़का / लड़की सिर्फ अपने बारे में तो बातें नहीं करता कि मुझे ऐसा करना है , यह पसंद है , वह बनना है आदि। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि खुद पर कुछ ज्यादा ही फोकस करता है।
लोग क्या कहेंगे
कई बार रिश्ता तय होने के बाद और शादी से पहले लड़के / लड़की या परिजनों को महसूस होने लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है , लेकिन वे यह सोचकर कोई कदम नहीं उठाते कि अब तो शादी तय हो गई है
और बहुत देर हो गई है। अब अगर रिश्ता तोड़ेंगे तो बदनामी होगी या लोग क्या कहेंगे ? ऐसा न सोचें। रिश्ता तोड़ना आसान है , बजाय जिंदगी भर दुखी रहने या तलाक लेने के।
अपनाएं स्टार तकनीक
शादी के लिए जब लड़का / लड़की मिलते हैं तो अक्सर ज्यादातर सवालों पर कह देते हैं कि मैं ऐसा कर लूंगा या कर लूंगी। लेकिन शादी के बाद वैसा हो नहीं पाता और लड़ाइयां शुरू हो जाती हैं। इसकी वजह यह
है कि बदलने की बात करना आसान है और बदलना मुश्किल। इसलिए बेहतर है कि शुरू में ही ढंग से पूछताछ की जाए ताकि बाद में पछताना न पड़े।
इसके लिए star तकनीक अपना सकते हैं। इसे एक सवाल और उसके जवाबों से जानते हैं। मसलन , लड़का / लड़की अगर कहता है कि वह खाना बहुत अच्छा बनाता है तो s फॉर सिचुएशन पूछें यानी खाना कब -
कब बनाया ? T का मतलब है टास्क , यानी फलां डिश को बनाने में क्या करना चाहिए , a से एक्शन यानी डिश बनाते वक्त क्या - क्या किया था और r फॉर रिजल्ट यानी खाना कैसा बना और खाने के बाद
लोगों का रिएक्शन कैसे रहे आदि पूछें। इस तकनीक से काफी सही जानकारी मिलती है।
इन दिनों दिनों बाज़ार में खूब बथुए का साग आ रहा है। - बथुआ संस्कृत भाषा में वास्तुक और क्षारपत्र के नाम से जाना जाता है बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हराभरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है। बथुआ के परांठे और रायता तो लोग चटकारे लगाकर खाते हैं बथुआ का शाक पचने में हल्का ,रूचि उत्पन्न करने वाला, शुक्र तथा पुरुषत्व को बढ़ने वाला है | यह तीनों दोषों को शांत करके उनसे उत्पन्न विकारों का शमन करता है | विशेषकर प्लीहा का विकार, रक्तपित, बवासीर तथा कृमियों पर अधिक प्रभावकारी है |
- इसमें क्षार होता है , इसलिए यह पथरी के रोग के लिए बहुत अच्छी औषधि है . इसके लिए इसका 10-15 ग्राम रस सवेरे शाम लिया जा सकता है .
- यह कृमिनाशक मूत्रशोधक और बुद्धिवर्धक है .
-किडनी की समस्या हो जोड़ों में दर्द या सूजन हो ; तो इसके बीजों का काढ़ा लिया जा सकता है . इसका साग भी लिया जा सकता है .
- सूजन है, तो इसके पत्तों का पुल्टिस गर्म करके बाँधा जा सकता है . यह वायुशामक होता है .
- गर्भवती महिलाओं को बथुआ नहीं खाना चाहिए .
- एनीमिया होने पर इसके पत्तों के 25 ग्राम रस में पानी मिलाकर पिलायें .
- अगर लीवर की समस्या है , या शरीर में गांठें हो गई हैं तो , पूरे पौधे को सुखाकर 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पिलायें .
- पेट के कीड़े नष्ट करने हों या रक्त शुद्ध करना हो तो इसके पत्तों के रस के साथ नीम के पत्तों का रस मिलाकर लें . शीतपित्त की परेशानी हो , तब भी इसका रस पीना लाभदायक रहता है . - सामान्य दुर्बलता बुखार के बाद की अरुचि और कमजोरी में इसका साग खाना हितकारी है।
- धातु दुर्बलता में भी बथुए का साग खाना लाभकारी है।
- बथुआ को साग के तौर पर खाना पसंद न हो तो इसका रायता बनाकर खाएं।
- बथुआ लीवर के विकारों को मिटा कर पाचन शक्ति बढ़ाकर रक्त बढ़ाता है। शरीर की शिथिलता मिटाता है। लिवर के आसपास की जगह सख्त हो, उसके कारण पीलिया हो गया हो तो छह ग्राम बथुआ के बीज सवेरे शाम पानी से देने से लाभ होता है।
- सिर में अगर जुएं हों तो बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर धोएं। जुएं मर जाएंगे और सिर भी साफ हो जाएगा।
- बथुआ को उबाल कर इसके रस में नींबू, नमक और जीरा मिलाकर पीने से पेशाब में जलन और दर्द नहीं होता।
- यह पाचनशक्ति बढ़ाने वाला, भोजन में रुचि बढ़ाने वाला पेट की कब्ज मिटाने वाला और स्वर (गले) को मधुर बनाने वाला है।
- पत्तों के रस में मिश्री मिला कर पिलाने से पेशाब खुल कर आता है।
- इसका साग खाने से बवासीर में लाभ होता है।
- कच्चे बथुआ के एक कप रस में थोड़ा सा नमक मिलाकर प्रतिदिन लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये बात देखने में नहीं आती | ______________________ क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है। एक बार बोल कर देखिये | च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ लालू से लगती है। एक बार बोल कर देखिये | ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है। एक बार बोल कर देखिये