विनोद हाईवे पर गाड़ी चला रहा था।
विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
रिश्तों मे नफा नुकशान नही देखा जाता There is no profit or loss in relationships.
असली गहना real jewel
एक राजा थे।उनका नाम था चक्ववेण।वह बड़े ही धर्मात्मा थे। राजा जनता से जो भी कर लेते थे सब जनहित में ही खर्च करते थे उस धन से अपना कोई कार्य नहीं करते थे।अपने जीविकोपार्जन हेतु राजा और रानी दोनोँ खेती किया करते थे। उसी से जो पैदावार हो जाता उसी से अपनी गृहस्थी चलाते,अपना जीवन निर्वाह करते थे। राजा-रानी होकर भी साधारण से वस्त्र और साधारण सात्विक भोजन करते थे।
कान कटा गधा ear cut donkey
एक बार की बात है शेर को भूख लगी तो उसने लोमड़ी से कहा - मेरे लिए कोई शिकार ढूंढकर लाओ अन्यथा मैं तुम्हें ही खा जाऊँगा...
मैं चली जाऊंगी तो कौन ख्याल रखेगा ? If I go away, who will take care?
जल्दी-जल्दी नींद में बिस्तर पर पेशाब कर देने के बाद दामोदर जी उसे साफ करने में लगे थे, ताकि कहीं बहू और बेटा न देख लें। कल ही तो बहू काजल ने नई चादर बिछाई थी और काफी सुनाया था अपने पति रवि को कि अगर इस बार पापा जी ने फिर से चादर गंदी की तो वो इसे साफ नहीं करेगी, भले ही घर छोड़ना पड़े। इसीलिए बेटे-बहू ने कल से ही उन्हें ज्यादा पानी भी नहीं पीने दिया था कि कहीं फिर से दामोदर जी ऐसा न कर दें। 😔
85 वर्षीय दामोदर जी को जबसे किडनी की समस्या हुई है, तबसे ऐसा कभी-कभी हो जाता है। बेचारे दामोदर जी को बहुत अफसोस होता था। जल्दी से चादर हटाकर दामोदर जी उसे बाथरूम में ले जाकर धोने लगे, यह सोचकर कि बहू आज बेटे के साथ अपने भाई की शादी के कपड़े लेने गई है, तो देर से ही लौटेगी। उन्हें भूख भी लग रही थी, पर मन का डर उनके हाथ जल्दी-जल्दी चलाने को मजबूर कर रहा था। चादर भीगने के बाद उठाई नहीं जा रही थी। दामोदर जी की साँसें फूलने लगीं, तभी उन्होंने सामने अचानक बेटे-बहू को खड़ा पाया। 😓
दामोदर जी बस इतना बोले, "बहू, अब नहीं होगा... मैंने साफ कर दी है।" बेटे रवि ने अपने पिता को सहारा देकर कुर्सी पर बैठाया। बहू कुछ कहने लगी, "देख लो, फिर से बिस्तर खराब कर दिया है। कितनी बदबू आ रही है। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाओ।"
लेकिन रवि ने उसे रोकते हुए कहा, "तुम अपने मायके जा सकती हो। उस बाप को कैसे छोड़ सकता हूँ, जिसने मेरी पैंट तक साफ की थी जब मैं कच्छे में पोटी कर देता था। उस बाप का पेशाब नहीं साफ होगा, जिसकी यूनिफार्म पर मैंने उस दिन टॉयलेट कर दी थी, जब पिता जी अपने सम्मान समारोह में जा रहे थे। उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा और खुशी-खुशी पानी से थोड़ा सा साफ कर चले गए।" 💔
"चलिए पापा, कितने गीले हो गए हैं आप, ठंड लग जाएगी। आपके लिए चाय बनाता हूँ।" बेटे ने दीवान से नई चादर निकालकर दामोदर जी के बिस्तर पर बिछाई। उन्हें बैठाया, उनके कपड़े बदले और अपने हाथों से चाय पिलाने लगा। 🍵
दामोदर जी के कांपते हाथ बेटे के सर पर आशीर्वाद देने के लिए उठ गए। आँखों से भी आँसू बह निकले, जिन्हें धोती के कोरों से पोंछते जा रहे थे। सामने लगी पत्नी की तस्वीर को देख मन ही मन बोले, "देख ले विमला, तू कहती थी मैं चली जाऊंगी तो कौन ख्याल रखेगा मेरा। हमारा रवि देख कैसे तेरे बुढ़ऊ की सेवा कर रहा है।" 😢❤️
दरवाजे पर खड़ी बहू भी पश्चाताप के आँसू बहा रही थी।
ऐसे लोगों का कोई नहीं करता आदर No one respects such people
आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने जीवन के लगभग हर पहलू को छुआ है और अपने ज्ञान के माध्यम से हमें कई तरह की शिक्षाएं प्रदान की हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि किन गुणों को आचार्य चाणक्य अच्छा नहीं मानते। ये गुण आपकी मानहानि का कारण भी बन सकते हैं और आपको करीबियों से दूर भी कर सकते हैं।
बिना सहायता के कुछ न कर पाने वाले लोग
आप कभी न कभी ऐसे लोगों से मिले होंगे जो अपने बलबूते कुछ नहीं कर पाते। ऐसे लोग अक्सर झुंड के साथ मिलकर योजनाएं बनाते हैं और इनकी योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं, या अटक जाती हैं। चाणक्य ऐसे गुण वाले लोगों को अच्छा नहीं मानते। ऐसे लोगों पर से सबका विश्वास उठ जाता है और इसी कारण से समाज में इनकी कोई इज्जत नहीं रह जाती।
दूसरों का अनादर करने वाले लोग
चाणक्य कहते हैं कि, जो लोग दूसरों का आदर नहीं करते उनको भी कभी आदर-सत्कार नहीं मिलता। ऐसे लोग अक्सर खुद को महत्वपूर्ण दर्शाने की कोशिश करते हैं और दूसरों की बात पर कोई ध्यान नहीं देते। अगर आप भी दूसरों की अनादर करते हैं तो आपको इस गुण को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, नहीं दो आपको भी जीवन में मान-सम्मान नहीं मिलेगा।
सबके दोस्त बनने वाले लोग
जो व्यक्ति हर किसी का दोस्त बनने की कोशिश करता है, वो असल में किसी का दोस्त नहीं होता। ऐसे लोग आपके सामने रहकर दूसरों को भला-बुरा बोलते हैं और दूसरों के पास जाकर आपकी बुराई करते हैं। इस तरह के लोगों से भी अक्सर अन्य लोग दूरी बनाना शुरू कर देते हैं, और इनका आदर भी कोई नहीं करता।
मीठी और बनावटी बातें करने वाले लोग
अगर आपको कोई व्यक्ति बहुत मीठी-मीठी बातें बनाता दिखे तो समझ जाइए वो अपने अंदर की कमियों को छुपाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे लोग भले ही ये सोचें की अपनी बातों से उन्होंने सामने वाले का दिल जीत लिया है, लेकिन सच्चाई ये होती है कि ज्यादा मिठास और बनावटी पर लोगों को आपसे दूर कर देता है।
जानवरों पर अत्याचार करने वाले लोग
जो लोग बेजुबान जानवारों के प्रति क्रूर होते हैं ऐसे लोगों की भी समाज में कोई इज्जत नहीं होती। इस तरह के लोगों से भी सब दूर भागते हैं, ऐसे लोगों भले ही दूसरों से आदर सत्कार की उम्मीद करें लेकिन इनके बुरे कर्मों के कारण लोग इनसे दूर रहना ही पसंद करते हैं।
भुने चने और हरी धनिया की चटनी नसों में जमे गंदे से गंदे कोलेस्ट्रॉल और शुगर का है काल, शरीर से निचोड़कर फेकती है बाहर
भुने चने और हरी धनिया की चटनी नसों में जमे गंदे से गंदे कोलेस्ट्रॉल और शुगर का है काल, शरीर से निचोड़कर फेकती है बाहर
खानपान में आए बदलाव के कारण लोग डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इन गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए आप सबसे पहले अपनी डाइट बदलें। इसकी शुरुआत आप इस हरी चटनी से भी कर सकते हैं।
खानपान में आए बदलाव के कारण आजकल लोग डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, बाहर का ऑयली खाना खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। तो वहीं, मीठा खाने से शुगर बढ़ने लगती है। ऐसे में इस वजह से मोटापा, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इन गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए आप सबसे पहले अपनी डाइट बदलें। इसकी शुरुआत आप इस हरी चटनी से भी कर सकते हैं। भुने हुए चने और हरी धनिया से बनी यह चटनी डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को तेजी से कंट्रोल करती है। चलिए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए कौन सी चटनी खानी चाहिए?
Hindi Newsहेल्थभुने चने और हरी धनिया की चटनी नसों में जमे गंदे से गंदे कोलेस्ट्रॉल और शुगर का है काल, शरीर से निचोड़कर फेकती है बाहर
भुने चने और हरी धनिया की चटनी नसों में जमे गंदे से गंदे कोलेस्ट्रॉल और शुगर का है काल, शरीर से निचोड़कर फेकती है बाहर
खानपान में आए बदलाव के कारण लोग डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इन गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए आप सबसे पहले अपनी डाइट बदलें। इसकी शुरुआत आप इस हरी चटनी से भी कर सकते हैं।
भुने चने और हरी धनिया की चटनी
खानपान में आए बदलाव के कारण आजकल लोग डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, बाहर का ऑयली खाना खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। तो वहीं, मीठा खाने से शुगर बढ़ने लगती है। ऐसे में इस वजह से मोटापा, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इन गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए आप सबसे पहले अपनी डाइट बदलें। इसकी शुरुआत आप इस हरी चटनी से भी कर सकते हैं। भुने हुए चने और हरी धनिया से बनी यह चटनी डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को तेजी से कंट्रोल करती है। चलिए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए कौन सी चटनी खानी चाहिए?
भुने चने और हरी धनिया की चटनी के लिए सामग्री:
2 मुट्ठी भुने चने, आधा कप धनिया, 12-15 पुदीने के पत्ते, 1 आंवला, 2 हरी मिर्च, अदरक का छोटा टुकड़ा, 2 लहसुन की कलियाँ, काला नमक, आधा चम्मच जीरा पाउडर
भुने हुए चने में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और दिल संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं। साथ ही भुने चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो है। इसमें फाइबर और प्रोटीन ज्यादा होता है जिसकी वजह से चना खाने से शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। धनिया पत्ती ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
भुने चने और हरी धनिया की चटनी कैसे बनाएं?
एक मिक्सर जार में एक मुट्ठी चना, एक कप हरी धनिया की पत्तियां, 12-15 पुदीने के पत्तियां, 1 आंवला, अदरक का छोटा टुकड़ा, 2 लहसुन की कलियाँ, आधा चम्मच जीरा पाउडर और काला नमक स्वाद अनुसार लें।अब इसमें आधा कप पानी डालें और एकदम बारीक पीस लें। स्वाद और सेहत से भरपूर चटनी तैयार है।
इन समस्याओं में भी है कारगर:
आप इस चटनी को चावल, चपाती के साथ मिला सकर खा सकते हैं या फिर खाने के बाद में 1 बड़ा चम्मच खा सकते हैं। आप इसे आसानी से एक हफ़्ते तक फ्रिज में रख सकते हैं। यह हरी चटनी सिर्फ शुर या कोलेस्ट्रॉल ही कंटोल नहीं करती बल्कि आपके मूड और नींद में सुधार करने में मदद करती है साथ ही थायराइड, पीसीओएस, थकान और बाल-झड़ने की समस्या को भी कम करती है।
देशी खाना देशी रहना eat local and stay local
टेक्नॉलॉजी ने जो दिया उससे बेहतर तो प्रकृति ने पहले से दे रखा था Nature had already given us something better than what technology had given us.
हमारे बुजर्ग हम से वैज्ञानिक रूप से बहुत आगे थे। थक हार कर वापिस उनकी ही राह पर आना पड़ रहा है।
अभ्यास का महत्त्व importance of practice
प्राचीन समय में विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर ही पढ़ा करते थे।. बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। बच्चे गुरुकुल में गुरु के सानिध्य में आश्रम की देखभाल किया करते थे. और अध्ययन भी किया करते थे।वरदराज को भी सभी की तरह गुरुकुल भेज दिया गया। वहां आश्रम में अपने साथियों के साथ घुलने मिलने लगा।लेकिन वह पढ़ने में बहुत ही कमजोर था। गुरुजी की कोई भी बात उसके बहुत कम समझ में आती थी। इस कारण सभी के बीच वह उपहास का कारण बनता है।उसके सारे साथी अगली कक्षा में चले गए लेकिन वो आगे नहीं बढ़ पाया।
शिक्षा(Moral):
दोस्तो अभ्यास की शक्ति का तो कहना ही क्या हैं।. यह आपके हर सपने को पूरा करेगी। अभ्यास बहुत जरूरी है चाहे वो खेल मे हो या पढ़ाई में या किसी ओर चीज़ में। बिना अभ्यास के आप सफल नहीं हो सकते हो। अगर आप बिना अभ्यास के केवल किस्मत के भरोसे बैठे रहोगे, तो आखिर मैं आपको पछतावे के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए अभ्यास के साथ धैर्य, परिश्रम और लगन रखकर आप अपनी मंजिल को पाने के लिए जुट जाए।
सफलता का रहस्य - सुकरात Secret of Success - Socrates
एक बार एक व्यक्ति ने महान Philosopher सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” – What is the #secret_of _success ?
सुकरात ने उस इंसान को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे अपने प्रश्न का जवाब मिलेगा।जब दूसरे दिन सुबह वह व्यक्ति नदी के पास मिला तो सुकरात ने उसको नदी में उतरकर, नदी गहराई की गहराई मापने के लिए कहा।
वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा| जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए झटपटाने लगा, कोशिश करने लगा लेकिन सुकरात थोड़े ज्यादा Strong थे। सुकरात ने उसे काफी देर तक पानी में डुबोए रखा।
कुछ समय बाद सुकरात ने उसे छोड़ दिया और उस व्यक्ति ने जल्दी से अपना मुंह पानी से बाहर निकालकर जल्दी जल्दी साँस ली।
सुकरात ने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे?” व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था।”
सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उतर है। जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्र इच्छा से चाहोगे जितनी तीव्र इच्छा से तुम सांस लेना चाहते है, तो तुम्हे सफलता निश्चित रूप से मिल जाएगी।”
Feetured Post
नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये
1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ? जब आप लिफ़्ट में...