श्रीहनुमान रुद्र के ग्यारहवें अवतार

www.goswamirishta.com

श्रीहनुमान रुद्र के ग्यारहवें अवतार माने गए हैं। रुद्र यानी दु:खों का नाश करने वाले देवता। शिव का यह रूप कल्याणकारी माना गया है। शास्त्र भी कहते हैं कि शिव ही परब्रह्म है, जो अलग-अलग रूपों में जगत की रचना, पालन और संहार शक्तियों का नियंत्रण करते हैं । 
 
शिव के प्रति इस भाव व आस्था से ही श्रीहनुमान की पूजा भी दोष, कष्ट, बाधाओं व घर-परिवार पर अचानक आए संकट को टालने वाली मानी गई है। 
 
ऐसी ही मंगल की कामना से चैत्र शुक्ल पूर्णिमा यानी हनुमान जयंती के अलावा परिवार, काम या कारोबार पर अचानक आए संकट को टालने के लिए हनुमान पूजा के लिए यहां बताया जा रहा अचूक उपाय अपनाए एक ऐसा, जो न केवल आसान है, बल्कि संकटमोचक भी है। यह उपाय है - तेल का दीप लगाकर मंत्र विशेष का ध्यान।

श्रीहनुमानजी की पूजा सिंदूर, अक्षत, फूल अर्पित करें और धूप व दीप से पूजा करें। 
 
- पूजा में सरसों या तिल के तेल का दीप लगाएं। दीपक लगाते वक्त यह दीप मंत्र बोलें - 
 
साज्यं च वर्तिसं युक्त वह्निना योजितं मया। 
 
दीपं गृहन्तु देवेशास्त्रैलौक्यतिमिरापहम्।। 
 
- दीप लगाने के बाद इस हनुमान मंत्र का यथाशक्ति जप करने के बाद इस दीप से आरती करें - 
 
ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् 
 
- आरती के बाद मंत्र जप, पूजा या आरती में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे और अनिष्ट शांति की कामना करें।
0 0

No comments:

Post a Comment

Thanks to visit this blog, if you like than join us to get in touch continue. Thank You

Feetured Post

नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये

 1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?  जब आप लिफ़्ट में...