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जीवन बचा हुआ है मेरा हे कपि तेरी कृपा नजर से 
तूने मग में ज्योति जगा कर .हमें बचाया सघन तिमिर से.

मैं कुछ जान न पाया ,तुमने निज इच्छा से अस्त्र सम्हाले 
आने वाले संकट मेरे ,आने से पहले ही टाले 

सच कहता हूँ , हे प्रभु मैं तो तुमको उसपल भूल गया था
अपनी बलबुद्धी के मद में तब मैं इतना फूल गया था

क्या होता ,मेराप्रभु ,यदितुम ,मुझपर तत्क्षण कृपा न करते
मेरी परछाईं से भी तब ,शायद मेरे परिजन डरते.

जीवन दान दिया क्यों मुझको हे प्रभु ह्म यह समझ न पाये ,
इक्यासी का हुआ,करूं क्या ,ऐसा जो तेरे मन भाये

यही प्रेरणा हुई ,क़ि प्यारे ,तुम अपना अनुभव लिख डालो
लाभान्वित हों सबजन ,ऎसी कथा कहो, हरि के गुन गा लो
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