अंजनी पर्वत
वह गुफा, जहां हनुमान का जन्म हुआ था।
इतिहास के मिथकीय साक्ष्य भी इतिहास के तथ्यों को समझने में सहायक रहे हैं। इन्हीं में से एक हनमानजी के जन्मस्थल से भी जुड़ी कहानी है।
नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला रामायण काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। डांग जिले के आदिवासियों की हमेशा से यह मान्यता रही है कि भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है।
शबरी धाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है। यहीं मातंग ऋषि का आश्रम था। डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का भी जन्म हुआ था।
कहा जाता है कि अंजनी माता ने अंजनी पर्वत पर ही कठोर तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरूप उन्हें पुत्र रत्न यानी हनुमान जी की प्राप्ति हुई थी। माता अंजनी ने अंजनी गुफा में ही हनुमानजी को जन्म दिया था ।यही है वह स्थान, परंपरागत मान्यता के अनुसार हनुमान जी ने जन्म लिया था। डांग जिले का हरेक व्यक्ति हनुमानजी का भक्त है। अंजनी पर्वत की तलहटी में ही अंजनकुंड गांव बसा हुआ है। इसके अलावा अंजनी पर्वत के बारे में यह भी कहा जाता है कि वनवास के दौरान राम भगवान पंचवटी की ओर जाने के लिए यहां से दानवों का संहार कर ऋषि-मुनियों का उद्धार करने के लिए ही गुजरे थे। अंजनी पर्वत आज भी अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और जड़ी-बूटियों से भरा पड़ा है। यहां रहने वाले अनेक लोग अपने आपको शबरी माता का वंशज भी मानते हैं। (फोटो व विवरण- साभार दैनिक भाष्कर )
इतिहास के मिथकीय साक्ष्य भी इतिहास के तथ्यों को समझने में सहायक रहे हैं। इन्हीं में से एक हनमानजी के जन्मस्थल से भी जुड़ी कहानी है।
नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला रामायण काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। डांग जिले के आदिवासियों की हमेशा से यह मान्यता रही है कि भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है।
शबरी धाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है। यहीं मातंग ऋषि का आश्रम था। डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का भी जन्म हुआ था।
कहा जाता है कि अंजनी माता ने अंजनी पर्वत पर ही कठोर तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरूप उन्हें पुत्र रत्न यानी हनुमान जी की प्राप्ति हुई थी। माता अंजनी ने अंजनी गुफा में ही हनुमानजी को जन्म दिया था ।यही है वह स्थान, परंपरागत मान्यता के अनुसार हनुमान जी ने जन्म लिया था। डांग जिले का हरेक व्यक्ति हनुमानजी का भक्त है। अंजनी पर्वत की तलहटी में ही अंजनकुंड गांव बसा हुआ है। इसके अलावा अंजनी पर्वत के बारे में यह भी कहा जाता है कि वनवास के दौरान राम भगवान पंचवटी की ओर जाने के लिए यहां से दानवों का संहार कर ऋषि-मुनियों का उद्धार करने के लिए ही गुजरे थे। अंजनी पर्वत आज भी अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और जड़ी-बूटियों से भरा पड़ा है। यहां रहने वाले अनेक लोग अपने आपको शबरी माता का वंशज भी मानते हैं। (फोटो व विवरण- साभार दैनिक भाष्कर )
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