श्रीगणेश के जन्म की कथा भी निराली है। वराहपुराण के अनुसार भगवान शिव पंचतत्वों से बड़ी तल्लीनता से गणेश का निर्माण कर रहे थे। इस कारण गणेश अत्यंत रूपवान व विशिष्ट बन रहे थे। आकर्षण का केंद्र बन जाने के भय से सारे देवताओं में खलबली मच गई। इस भय को भांप शिवजी ने बालक गणेश का पेट बड़ा कर दिया और सिर को गज का रूप दे दिया।
दूसरी कथा शिवपुराण से है। इसके मुताबिक देवी पार्वती ने अपने उबटन से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डाल दिए। उन्होंने इस प्राणी को द्वारपाल बना कर बैठा दिया और किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश देते हुए स्नान करने चली गईं। संयोग से इसी दौरान भगवान शिव वहां आए। उन्होंने अंदर जाना चाहा, लेकिन बालक गणेश ने रोक दिया। नाराज शिवजी ने बालक गणेश को समझाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
क्रोधित शिवजी ने त्रिशूल से गणेश का सिर काट दिया। पार्वती को जब पता चला कि शिव ने गणेश का सिर काट दिया है, तो वे कुपित हुईं। पार्वती की नाराजगी दूर करने के लिए शिवजी ने गणेश के धड़ पर हाथी का मस्तक लगा कर जीवनदान दे दिया। तभी से शिवजी ने उन्हें तमाम सामर्थ्य और शक्तियाँ प्रदान करते हुए प्रथम पूज्य और गणों का देव बनाया।
गणेश के पास हाथी का सिर, मोटा पेट और चूहा जैसा छोटा वाहन है, लेकिन इन समस्याओं के बाद भी वे विघ्नविनाशक, संकटमोचक की उपाधियों से नवाजे गए हैं। कारण यह है कि उन्होंने अपनी कमियों को कभी अपना नकारात्मक पक्ष नहीं बनने दिया, बल्कि अपनी ताकत बनाया। उनकी टेढ़ी-मेढ़ी सूंड बताती है कि सफलता का पथ सीधा नहीं है।
यहां दाएं-बाएं खोज करने पर ही सफलता और सच प्राप्त होगा। हाथी की भांति चाल भले ही धीमी हो, लेकिन अपना पथ अपना लक्ष्य न भूलें। उनकी आंखें छोटी लेकिन पैनी है, यानी चीजों का सूक्ष्मता से विश्लेषण करना चाहिए। कान बड़े है यानी एक अच्छे श्रोता का गुण हम सबमें हमेशा होना चाहिए।
The legend of the birth of usher in nearly according to Lord Shiva also is larger than panchatatvon. varahpuran tallinta the owing of the Ganesh and Ganesh were extremely rupvan and specific attraction to become created fear. many gods in a tizzy. get this fear to shivjii ABS of big boy Ganesh and gave the yard's head.
According to another legend shivpuran has of goddess Parvati created an effigy of his putting and vitality ubtan. they make the creature sitting and the gatekeepers anyone in order to not giving baths to come. by the way so get in there while he wished Lord Shiva came, but tad has angered child. shivjii Ganesh Ganesha explainedBut he is not one.
Angry shivjii cut off Ganesha's head tridents. Parvati, Ganesha's head when that Shiva is hacked, they were particularly resentful. Parvati to shivjii of Ganesh the elephant on the fuselage of the Nob thought jivnadan. Since then shivjii them all strength and powers the first dev of pujya and ganon.
Ganesha has elephant head, fat belly and mouse as small vehicles, but these problems even after they vighnavinashak, sankatmochak — from the distinctions. due to the fact that they don't ever become his shortcomings but their downside has made their strength, their skewed-medhi offers a direct path to the proboscis is not success.
There are right-left to get success and search would be like true move even Hedgehog slow., but don't forget your your path target is their eyes, small but brilliant marketing. of greater analysis. a good listener's properties big ears i.e. we should be present always.
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