विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
अंहकार से सदा दूर रहें
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ईश्वर को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने अहंकार को समाप्त करना होता है। जब तक व्यक्ति अहंकार के भार से दबा रहता है, तब तक परमात्मा की कृपा प्राप्त होना असंभव होता है।
कभी-कभी व्यक्ति को सात्विक कार्यों में भी अहंकार हो जाता है कि मुझसे बड़ा पुण्यात्मा अथवा दानी-दाता कोई नहीं हो सकता, पर भगवान वामन रूप से आकर यह बता देते हैं कि मैं वामन (बौना) से विराट और विराट से वामन हो सकता हूं।
महाराजा बलि से तीन पग भूमि मांग कर भगवान धरती और आकाश को नापा और तीसरा पग कहां रखें इस विचार से बलि की ओर देखा।
बलि ने निरर्थक अभिमान के आभास में कहा- मेरे अहंकारी सिर पर तीसरा पग रखकर मेरा कल्याण कीजिए।
अत: महाराजा बलि की तरह ही हमें भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंहकार से सदा दूर रहकर जनहित, परिवार के कल्याणार्थ कार्य करें।
मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
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