विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find motivational stories, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. on this blog.
Bhajan भजन
शाकाहार की ओर चलें
प्रकृति ने हमें बेशकीमती खजानों से नवाजा है
Itni Shakti Hamein Dena Data Lyrics (इतनी शक्ति हमें देना दाता लिरिक्स)
Itni Shakti Hamein Dena Data Lyrics (इतनी शक्ति हमें देना दाता लिरिक्स)
इतनी शक्ति हमें दे न दाता
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना क ये अन्त हो ना
हम चले...
दूर अज्ञान के हो अन्धेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसीका किसीसे
भावना मन में बदले की हो ना
हम चले...
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना
हम चले...
हम अन्धेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाये अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुज़रा है फिरसे ना गुज़रे,
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना
हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भुलकर भी कोई भूल हो ना...
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना...
इतनी शक्ति हमे देना दाता प्रार्थना के लाभ
इस प्रार्थना को करने से हम ईश्वर इतनी शक्ति मांग रहें हैं कि हमेशा जीवन में कभी कोई भूला ना हो। हमे हमेशा नेक और ईमानदारी के पथ पर चलते हैं। हम ईश्वर से कह रहे हैं कि वो हमें अज्ञानता के अंधेरे से दूर रखे और हमारे भीतर ज्ञान का प्रकाश भर दे। सदा अपने भीतर अर्पण के भाव को अपने भीतर रखें। इस प्रार्थना का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
क्या ऐसे रिश्ते में माफ़ी की कोई गुंजाइश होती है - Is there any scope for forgiveness in such a relationship?
राहुल और रिया की शादी को अभी कुछ ही साल हुए थे, लेकिन उनकी जिंदगी बाहर से एकदम परफेक्ट लगती थी। राहुल एक मेहनती और ईमानदार इंसान था, जो हर दिन सुबह जल्दी उठता, अपनी पत्नी रिया का ख्याल रखता, और फिर ऑफिस के लिए निकल जाता। रात में जब राहुल घर लौटता, तो रिया उसकी देखभाल करती, प्यार से उसे खाना खिलाती, और दोनों एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। रातें अक्सर प्यार और खुशियों से भरी होतीं, और राहुल को लगता था कि उसकी शादीशुदा जिंदगी एकदम सही है।
लेकिन, राहुल को नहीं पता था कि उसके जाने के बाद रिया की असल जिंदगी शुरू होती थी। रिया, जो रात में राहुल से जी भरकर प्यार करती थी, दिन में उसके जाने के बाद पड़ोस के युवक, करण के साथ एक नया खेल खेलती थी। राहुल जैसे ही ऑफिस के लिए निकलता, रिया जल्दी से तैयार हो जाती और करण को अपने घर बुला लेती। दोनों का रिश्ता शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से गहरा हो चुका था, लेकिन ये रिश्ता प्यार का नहीं, बस एक धोखे का था।
एक दिन राहुल अचानक ऑफिस से जल्दी घर लौट आया। जैसे ही उसने घर का दरवाज़ा खोला, उसे कुछ अजीब आवाजें सुनाई दीं। वह चौंक गया और बिना आवाज़ किए अंदर चला गया। बेडरूम के दरवाजे के पास पहुँचते ही वह हक्का-बक्का रह गया। उसकी आंखों के सामने उसकी पत्नी रिया, करण के साथ थी, दोनों की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। राहुल का दिल टूट चुका था। उसे समझ नहीं आया कि यह सब कैसे हो गया, कैसे रिया ने उसका इतना बड़ा विश्वास तोड़ दिया।
राहुल गुस्से से कांप उठा। उसने दरवाज़ा ज़ोर से खोला और रिया और करण को रंगे हाथों पकड़ लिया। रिया का चेहरा फक्क पड़ गया, उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था। करण तो सीधे भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन राहुल ने उसे पकड़ लिया। गुस्से और आंसुओं में डूबा हुआ, राहुल ने चिल्लाकर पूछा, "क्यों रिया? क्या कमी थी मुझमें? मैंने तो तुम्हें सब कुछ दिया, फिर भी तुमने ऐसा क्यों किया?"
रिया चुप थी, उसके पास कोई जवाब नहीं था। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे, लेकिन राहुल का गुस्सा और उसका टूटा हुआ दिल अब उसे माफ करने के मूड में नहीं था।
राहुल ने एक पल में फैसला कर लिया कि अब वह इस रिश्ते में और नहीं रहेगा। उसने रिया से कह दिया कि वह उसे तुरंत छोड़ रहा है। "तुम्हारे लिए प्यार, वफादारी सब कुछ बेमतलब है। अब मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा। हमारे बीच अब कुछ नहीं बचा," राहुल ने कहा और घर छोड़कर चला गया।
अब, रिया के लिए सिर्फ पछतावे और अकेलापन बचा था। उसने सोचा कि थोड़े समय का मज़ा शायद उसे खुशी देगा, लेकिन उसने अपनी पूरी ज़िंदगी और राहुल का भरोसा खो दिया।
क्या ऐसे रिश्ते में माफ़ी की कोई गुंजाइश होती है, या राहुल का फैसला सही था? आप होते उसकी जगह, तो क्या करते?
स्वर्ग और नर्क का वास्तविक स्वरूप क्या है? What is the real nature of heaven and hell?
क्या पैसा और शोहरत किसी रिश्ते को चला सकते हैं - Can money and fame make a relationship work?
आनंद एक साधारण लेकिन मेहनती आदमी था, जो अपने छोटे से कारोबार से घर का खर्च चलाता था। उसका प्यार नेहा के लिए सच्चा और गहरा था, और वह अपनी पूरी कोशिश करता था कि उसे हर खुशी दे सके। नेहा भी शुरुआत में आनंद के साथ खुश थी, लेकिन धीरे-धीरे उसकी ख्वाहिशें बढ़ने लगीं।
नेहा का दिल अब उन चीजों की तरफ खिंचने लगा था, जो आनंद की सीमित आमदनी में पूरी नहीं हो सकती थीं। उसे महंगे कपड़े, गहने, और बड़ी गाड़ियों का सपना आने लगा था। उसकी सहेलियों के पति अमीर थे, और वे नेहा के सामने अपनी शानदार जिंदगी का दिखावा करतीं। नेहा के मन में यह जलन धीरे-धीरे एक गहरे असंतोष में बदलने लगी।
फिर एक दिन, नेहा की मुलाकात विजय से हुई। विजय एक बड़ा बिजनेसमैन था, जिसकी जिंदगी शान-शौकत से भरी हुई थी। महंगी गाड़ियाँ, बड़े-बड़े बंगले और शानदार पार्टियाँ – विजय के पास सब कुछ था जो नेहा को चाहिए था। विजय भी नेहा की खूबसूरती से आकर्षित हुआ और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियाँ बढ़ने लगीं। विजय ने नेहा को अपनी अमीरी और शक्ति से लुभाना शुरू किया, और नेहा उसकी चकाचौंध भरी जिंदगी की ओर खिंचती चली गई।
नेहा अब आनंद से दूर होती जा रही थी। आनंद को इसका अहसास था, लेकिन वह सोचता था कि यह सिर्फ एक अस्थाई बदलाव है। वह हर दिन काम पर जाता, नेहा के लिए तोहफे लाने की कोशिश करता, लेकिन नेहा का दिल अब उसकी छोटी-छोटी कोशिशों में नहीं लगता था।
एक रात, आनंद को नेहा के फोन में कुछ संदिग्ध संदेश दिखे। उसका दिल धक-धक करने लगा। उसने नेहा से पूछा, "यह क्या है? तुम मुझसे कुछ छुपा रही हो?" नेहा ने पहले बात टालने की कोशिश की, लेकिन फिर एक दिन सच्चाई सामने आ ही गई।
नेहा ने खुलकर कहा, "आनंद, मैं अब इस साधारण जिंदगी से थक चुकी हूँ। मुझे विजय के साथ वो सब मिल रहा है, जो मैं हमेशा से चाहती थी। पैसा, शोहरत, और एक शानदार जिंदगी।" यह सुनते ही आनंद का दिल टूट गया। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी प्यारी पत्नी सिर्फ पैसे और शान-शौकत के लिए उसे छोड़ देगी।
आनंद को एक पल के लिए समझ नहीं आया कि वह क्या करे। लेकिन उसने खुद को संभाला और नेहा से कहा, "अगर तुम्हें पैसा और शोहरत चाहिए, तो तुम मेरी जिंदगी में जगह नहीं रख सकती। मैंने तुम्हें प्यार दिया, इज्जत दी, लेकिन अगर तुम्हें यह सब काफी नहीं, तो मुझे भी अब इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना है।"
आनंद ने नेहा को छोड़ने का फैसला कर लिया, और वह अपने आत्म-सम्मान के साथ आगे बढ़ा। उसने महसूस किया कि किसी भी रिश्ते की बुनियाद प्यार, भरोसा और वफादारी पर टिकी होती है, न कि पैसों पर।
नेहा ने कुछ दिनों तक विजय के साथ रहकर अपनी इच्छाएं पूरी कीं, लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास हुआ कि पैसे से हर खुशी नहीं खरीदी जा सकती। विजय का प्यार केवल सतही था, जबकि आनंद का प्यार सच्चा और गहरा था। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
आनंद ने अपनी जिंदगी को नए सिरे से जीने का फैसला किया। उसने सीखा कि रिश्ते में प्यार और इज्जत से बढ़कर कुछ नहीं होता, और वह आगे बढ़ गया, खुद की कद्र करते हुए।
क्या पैसा और शोहरत किसी रिश्ते को चला सकते हैं, या सच्चे प्यार और विश्वास की जगह कुछ भी नहीं ले सकता?
Feetured Post
चाय Tea
नींबू वाली चाय पेट घटाए। अदरक वाली चाय खराश मिटाए। नीम्बु पत्ती की चाय माइग्रेन भगाये अमरुद पत्ती की चाय ताजगी लौटाये गुडहल पत्तियों की चाय...