जब मैं कॉलेज में थी, तो इंटरनेट पर लेख पढ़ते हुए मैंने स्त्री और पुरुष की शारीरिक ज़रूरतों के बारे में बहुत कुछ समझा। यह महसूस हुआ कि दोनों को एक-दूसरे की ज़रूरत होती है, और इसमें कोई बुराई नहीं होनी चाहिए। मुझे लगा कि जब यह एक प्राकृतिक और सहमति से किया गया कार्य है, तो इसमें गलत क्या है? परंतु जब मैंने इस बारे में अपने माता-पिता और हमारे शास्त्रों की सोच देखी, तो पाया कि उनका विचार इसके बिल्कुल विपरीत था। वे हमेशा कहते थे कि शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना गलत है। मुझे यह बात उस समय बिल्कुल समझ नहीं आई और मैं इसे बेकार की बातें मानने लगी।
विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find motivational stories, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. on this blog.
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शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना गलत - It is wrong to have physical relations before marriage
कॉलेज के दौरान मेरा एक बॉयफ्रेंड बना, और जब मैंने अपने विचार उसके सामने रखे कि मैं शारीरिक संबंध का अनुभव करना चाहती हूँ, तो वह भी इसके लिए तैयार था। हमने एक-दूसरे के साथ यह अनुभव किया और यह एक जादुई एहसास था। मेरे शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और मैंने सोचा कि यह ज़रूरत पूरी करनी ही चाहिए। परंतु कुछ समय बाद हमारा ब्रेकअप हो गया।
उसके बाद मेरी जिंदगी में एक और लड़का आया और मैंने उसके साथ भी संबंध बनाए, लेकिन हमारी शादी नहीं हो सकी। इस बीच, मेरी शादी की उम्र आ गई और मेरे माता-पिता ने एक अच्छे लड़के से मेरी शादी करा दी। शादी के शुरुआती दिनों में हमारा शारीरिक संबंध अच्छा रहा, लेकिन धीरे-धीरे मुझे यह सब बोझिल लगने लगा। जब मेरे पति शारीरिक संबंध बनाने की पहल करते, तो मैं बहाने बनाने लगी। हमारी शादी में खटास आने लगी और मैंने डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने कहा कि यह उम्र के साथ होने वाली समस्या हो सकती है और मुझे दवाइयाँ दीं, पर एक साल तक दवा लेने के बाद भी मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
मेरे पति मुझसे खिन्न रहने लगे, और उन्होंने मुझसे कहा कि एक पत्नी होते हुए भी जब उनकी शारीरिक ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं, तो हमारे साथ रहने का कोई मतलब नहीं है। यह सुनकर मैं अंदर से टूट गई। मैंने उनसे थोड़ा समय माँगा और सब कुछ छोड़कर ऋषिकेश चली गई, यह सोचकर कि मेरी मानसिक स्थिति के कारण यह सब हो रहा है। वहाँ मेरी मुलाकात मेरी गुरु माँ से हुई, जो ध्यान और योग सिखाती थीं। उन्होंने मेरी समस्या के बारे में चर्चा की और मुझसे सीधा सवाल किया, "शादी से पहले कितने पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाए?"
मैं हैरान थी, लेकिन मैंने उन्हें सच-सच जवाब दिया। उन्होंने मुझसे कहा कि जब कोई स्त्री किसी पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाती है, तो उसके शरीर में उस पुरुष की यादें बस जाती हैं। और जब यह कई पुरुषों के साथ हो, तो शरीर समझ ही नहीं पाता कि किसकी यादें सहेजनी हैं और किसे भुलाना है। यही कारण है कि शारीरिक संबंध में अरुचि बढ़ने लगती है और धीरे-धीरे प्रेम खत्म हो जाता है। तब मुझे एहसास हुआ कि हमारे बड़े-बुजुर्ग शादी के बाद ही शारीरिक संबंध बनाने की सलाह क्यों देते हैं—यह रिश्तों को मजबूत और स्थिर रखने के लिए होता है।
आज की दुनिया में कई लड़कियाँ बिना सोचे-समझे शादी से पहले शारीरिक संबंध बना लेती हैं, यह सोचकर कि इसका कोई बुरा असर नहीं होगा। लेकिन सच यह है कि इसका गहरा असर शादीशुदा जिंदगी पर पड़ता है। कुछ लड़कियाँ तो अपने स्टेटस को मेंटेन रखने या दूसरे कारणों से भी शारीरिक संबंध बना लेती हैं, लेकिन इससे अंततः उनकी जिंदगी प्रभावित होती है, जैसा मेरे साथ हुआ।
अब मुझे एहसास हुआ कि क्यों शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने को गलत माना जाता है। यह न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी गहरा प्रभाव छोड़ता है। आज मैं यह समझ गई हूँ कि किसी भी स्थिति में शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना गलत है। यह रिश्तों में दरार पैदा कर सकता है और जिंदगी भर पछताने का कारण बन सकता है।
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जीवन का कड़वा सच है - bitter truth of life -Bhajan
जीवन का कड़वा सच है - bitter truth of life