मां की बेटी को सीख teach mother's daughter

 मां की बेटी को सीख:परिवार में कभी किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी बुरी नहीं, अच्छी बातों को याद करना चाहिए, रिश्ता टूटने से बच जाता है, एक घर में दो बहुओं के बीच हो गया वाद-विवाद, दोनों ने तय कर लिया कि अब एक-दूसरे से कभी भी बात नहीं करेंगे

घर-परिवार में छोटे-मोटे वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी क्रोध की वजह से छोटी सी बात भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। परिवार में क्रोध से बचना चाहिए। अगर विवाद हो रहा है तो किसी एक को शांत रहना चाहिए, वरना रिश्ते भी टूट सकते हैं। परिवार में रिश्तों को कैसे बनाए रखना चाहिए, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा में एक मां की सीख के कारण एक परिवार की दो बहुओं की बीच का झगड़ा खत्म हो गया। 

पुराने समय में एक परिवार में दो भाई और उनकी पत्नियां एक साथ रहते थे। सभी के बीच आपसी प्रेम था। दोनों भाई एक साथ खेती का काम करते थे। दोनों की पत्नियां भी एक-दूसरे का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखती थीं। परिवार में कभी वाद-विवाद नहीं हुआ था। लेकिन, एक दिन दोनों बहुओं के पति खेत पर गए हुई और घर पर इन दोनों महिलाओं के बीच बीच छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो गया।

एक ही समय पर दोनों महिलाएं क्रोधित हो गईं। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों ने तय कर लिया कि अब से वे एक-दूसरे से बात भी नहीं करेंगी। गुस्से में दोनों महिलाएं अपने-अपने कमरे में चली गईं, दरवाजा लगा लिया।

कुछ देर बाद बड़ी बहु के कमरे के दरवाजा छोटी बहु ने खटखटाया। बड़ी बहु ने दरवाजा खोला तो सामने छोटी बहु को देखकर वह बोली कि अभी तो कुछ देर पहले तुम ने कहा था कि अब मुझसे कभी बात नहीं करोगी, अब क्या हुआ, क्यों आई हो यहां?

छोटी बहु ने शांत स्वर में कहा कि मैं अपने कमरे बैठी थी, तभी मुझे मेरी मां की सीख याद आई कि जब भी परिवार में कभी किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी बुरी बातों के बारे में नहीं, उसकी अच्छी बातों के बारे में सोचना चाहिए। ये बात याद आते ही मुझे ध्यान आया कि आप मेरा कितना ध्यान रखती हैं, हर काम में मदद करती हैं। छोटी सी बात की वजह से मैं अपना रिश्ता खराब नहीं होने दे सकती। ये बातें सोचकर मैं आपके लिए चाय बनाकर ले आई।

छोटी बहु की बातें सुनकर बड़ी बहु की भी आंखें खुल गई। उसका गुस्सा भी शांत हो गया। दोनों को अपनी-अपनी गलतियां समझ आ गईं। इसके बाद दोनों ने साथ बैठकर चाय पी और उनका झगड़ा खत्म हो गया। रिश्ता टूटने से बच गया।

प्रसंग की सीख

मां की बेटी को सीख teach mother's daughter

इस प्रसंग की सीख यह है कि परिवार में क्रोध नहीं करना चाहिए। अगर कभी विवाद की स्थिति बनती भी है तो शांत हो जाना चाहिए और जिससे विवाद हुआ है, उसकी अच्छी बातों के बारे में सोचना चाहिए। विवाद थोड़ी ही देर में खत्म हो जाएगा।

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Deep motivational quotes

 “We cannot solve problems with the kind of thinking we employed when we came up with them.” —Albert Einstein

“Learn as if you will live forever, live like you will die tomorrow.” —Mahatma Gandhi

“Stay away from those people who try to disparage your ambitions. Small minds will always do that, but great minds will give you a feeling that you can become great too.” —Mark Twain

“When you give joy to other people, you get more joy in return. You should give a good thought to the happiness that you can give out.” —Eleanor Roosevelt

“When you change your thoughts, remember to also change your world.” —Norman Vincent Peale

“It is only when we take chances that our lives improve. The initial and the most difficult risk we need to take is to become honest.” —Walter Anderson

“Nature has given us all the pieces required to achieve exceptional wellness and health, but has left it to us to put these pieces together.” —Diane McLaren

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करवा चौथ की पौराणिक कथाएं Mythological stories of Karva Chauth

करवा चौथ की पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है, जब नीलगिरी पर्वत पर पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने गए। तब किसी कारणवश उन्हें वहीं रूकना पड़ा। उन्हीं दिनों पांडवों पर गहरा संकट आ पड़ा। तब चिंतित व शोकाकुल द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया तथा कृष्‍ण के दर्शन होने पर पांडवों के कष्टों के निवारण हेतु उपाय पूछा।

करवा चौथ की पौराणिक कथाएं Mythological stories of Karva Chauth
 

तब कृष्ण बोले- हे द्रौपदी! मैं तुम्हारी चिंता एवं संकट का कारण जानता हूं। उसके लिए तुम्हें एक उपाय करना होगा। जल्दी ही कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी आने वाली है, उस दिन तुम पूरे मन से करवा चौथ का व्रत रखना। भगवान शिव, गणेश एवं पार्वती की उपासना करना, तुम्हारे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे तथा सबकुछ ठीक हो जाएगा।

कृष्ण की आज्ञा का पालन कर द्रोपदी ने वैसा ही करवा चौथ का व्रत किया। तब उसे शीघ्र ही अपने पति के दर्शन हुए और उसकी सारी चिंताएं दूर हो गईं।

जब मां पार्वती द्वारा भगवान शिव से पति की दीर्घायु एवं सुख-संपत्ति की कामना की विधि पूछी तब शिव ने 'करवा चौथ व्रत’ रखने की कथा सुनाई थी। करवा चौथ का व्रत करने के लिए श्रीकृष्ण ने दौपदी को निम्न कथा का उल्लेख किया था।

पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी। उसका पति बूढ़ा और निर्बल था। एक दिन जब वह नदी के किनारे कपड़े धो रहा था तभी अचानक एक मगरमच्छ वहां आया, और धोबी के पैर अपने दांतों में दबाकर यमलोक की ओर ले जाने लगा। वृद्ध पति यह देख घबराया और जब उससे कुछ कहते नहीं बना तो वह करवा..! करवा..! कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगा।

पति की पुकार सुनकर धोबिन करवा वहां पहुंची, तो मगरमच्छ उसके पति को यमलोक पहुंचाने ही वाला था। तब करवा ने मगर को कच्चे धागे से बांध दिया और मगरमच्छ को लेकर यमराज के द्वार पहुंची। उसने यमराज से अपने पति की रक्षा करने की गुहार लगाई और साथ ही यह भी कहा की मगरमच्छ को उसके इस कार्य के लिए कठिन से कठिन दंड देने का आग्रह किया और बोली- हे भगवन्! मगरमच्छ ने मेरे पति के पैर पकड़ लिए है। आप मगरमच्छ को इस अपराध के दंड-स्वरूप नरक भेज दें।

करवा की पुकार सुन यमराज ने कहा- अभी मगर की आयु शेष है, मैं उसे अभी यमलोक नहीं भेज सकता। इस पर करवा ने कहा- अगर आपने मेरे पति को बचाने में मेरी सहायता नहीं कि तो मैं आपको श्राप दूंगी और नष्ट कर दूँगी।

करवा का साहस देख यमराज भी डर गए और मगर को यमपुरी भेज दिया। साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया। तब से कार्तिक कृष्ण की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत का प्रचलन में आया। जिसे इस आधुनिक युग में भी महिलाएं अपने पूरी भक्ति भाव के साथ करती है और भगवान से अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।


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रिश्तों को लेकर बहुत कठोर मापदंड मत बनाइए


 

पेड़ हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाते हैं...



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रिश्तों को लेकर बहुत कठोर मापदंड मत बनाइए

 

Don't set too strict standards for relationships


    रिश्तों को लेकर बहुत कठोर मापदंड मत बनाइए। सामने वाले को एक-एक चीज़ पर परखिये मत। हो सकता है कोई दोस्त बहुत बौद्धिक हो मगर तारीफ करना न जानता हो। हो सकता है कोई ईर्ष्या करता है मगर सबसे सही सलाह भी वही देता हो। सामने वाली एक-एक प्रतिक्रिया पर उसे स्कोर मत दीजिए। उसके हर रिएक्शन पर उसका रिपोर्ट कार्ड तैयार मत कीजिए।

संभव है कि जब वो आपकी किसी खुशी पर बहुत खुश न हुआ तब वो खुद किसी गहरे दुख से गुज़र रहा हो। आप ये सोचकर नाराज़ हो गए कि वो इतना खुश क्यों नहीं हुआ और उसने ये सोचकर अपना दुख बयां नहीं किया कि आपकी खुशी में भंग न पड़ जाए। वो दुखी हो कर आपकी खातिर खुश होने का अभिनय कर रहा है और आप इस बात पर नाराज़ हो गए कि आपकी इतनी बड़ी खुशी में भी वो सिर्फ खुश होने का अभिनय कर रहा है।
इंसान सामान भी खरीदता है तो चीज़ बहुत अच्छी लगने पर उसकी कुछ कमियों से समझौता कर लेता है। मोबाइल का कैमरा अच्छा है तो उसे खरीद लिया ये जानते हुए कि उसकी बैटरी वीक है। टी शर्ट के बाजू पर कंपनी का लोगो पसंद नहीं आया मगर टी शर्ट का Colour पसंद है, तो बाजू पर बने लोगो को इग्नोर कर दिया। मगर हम इंसानों के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं करते। कपड़ों की तरह उन्हें कोई रियायत नहीं देते।
वो इंसान जो किसी कंप्यूटर प्रोग्राम से नहीं, भावनाओं से चलता है। वो इंसान जो कमज़ोर है। आत्म संशय से घिरा है। उस इंसान को हम किसी संदेह का लाभ नहीं देना चाहते। सारी माफियां खुद के लिए बचाकर रखते हैं। छोटी-छोटी बातें बुरा लगने पर सालों पुराने रिश्तों में पीछे हट जाते हैं। बातचीत बंद कर लेते हैं और खुद ही खुद को अकेला करते जाते हैं। कुछ वक्त बाद नाराज़गी पिघल कर हवा हो जाती है। सामने वाले के साथ गुज़ारा वक्त याद आने लगता है। खाली वक्त में उसे मिस भी करते हैं। मगर उससे बात करने की पहल नहीं कर पाते।
अकेलापन आज दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है। डिप्रेशन सबसे बड़ा रोग है और ये रोग हमने खुद अर्जित किया हैं, क्योंकि हम लोगों को तब तक पास नहीं करते जब तक कि वो रिश्तों में दस बटा दस नंबर न ले आएं।
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पेड़ हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाते हैं...Trees improve our environment...

पेड़ शहर में हवा के तापमान को कम करने और छाया प्रदान करने में मदद करते हैं। वे प्रदूषकों को अवशोषित करके, कणों को रोककर, ऑक्सीजन जारी करके, ओजोन के स्तर को कम करके और मिट्टी के कटाव को कम करके हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भी जाने जाते हैं।


पेड़ हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाते हैं...Trees improve our environment...



पेड़ हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं .

बायोफिलिया परिकल्पना एक अवधारणा है जो बताती है कि मनुष्य प्रकृति और अन्य जीवित चीजों के साथ संबंध बनाने के लिए इच्छुक हैं। यह शोध के बढ़ते शरीर द्वारा समर्थित है जो इंगित करता है कि शहरी पेड़ और हरे भरे स्थान हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

पेड़ों की छाया वाले पार्क और सड़कें एक अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं जो शारीरिक व्यायाम और सक्रिय परिवहन (जैसे पैदल चलना, साइकिल चलाना) जैसी सक्रिय जीवनशैली को प्रोत्साहित करती हैं। यह बदले में, हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए दिखाया गया है शहरी हरियाली के अधिक संपर्क से बच्चों में अवसाद की दर कम हो सकती है, तनाव कम हो सकता है, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) की दर कम हो सकती है और समग्र रूप से बेहतर स्वास्थ्य की भावना पैदा हो सकती है।

अस्पताल में पेड़ और अन्य हरियाली रोगियों को उनकी शारीरिक बीमारियों से जल्दी ठीक होने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, पेड़ चिकित्सीय उद्यानों में एक मुख्य तत्व हैं, जिन्हें विशेष रूप से बुजुर्गों और मनोभ्रंश से पीड़ित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक चिकित्सीय उद्यान में, पेड़ों का उपयोग गर्मी से राहत प्रदान करने और इंद्रियों (जैसे रंग, बनावट, गंध) को जगाने के लिए किया जा सकता है जो भावनात्मक आराम प्रदान करते हैं और इसके उपयोगकर्ताओं के दिमाग को उत्तेजित करते हैं।

पेड़ हमें कई तरह के पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं, और एक रहने योग्य और टिकाऊ शहर के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं। यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं कि पेड़ समाज के लिए क्यों फायदेमंद हैं, और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें क्यों लगाना और उनकी देखभाल करना जारी रखना चाहिए। 

पेड़ हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाते हैं।

पेड़ शहर में हवा के तापमान को कम करने और छाया प्रदान करने में मदद करते हैं। वे प्रदूषकों को अवशोषित करके, कणों को रोककर, ऑक्सीजन जारी करके, ओजोन के स्तर को कम करके और मिट्टी के कटाव को कम करके हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भी जाने जाते हैं।

शहर में तूफानी जल प्रबंधन के लिए पेड़ एक परिसंपत्ति हैं। शहरी क्षेत्रों में अभेद्य सड़क और भवन सतहों के बड़े क्षेत्रों के कारण बड़ी मात्रा में तूफानी जल अपवाह का अनुभव होता है। अपने पत्तों के साथ गिरने वाली बारिश के कुछ हिस्से को रोककर और बारिश के पानी को अवशोषित करने की मिट्टी की क्षमता को बढ़ाकर, पेड़ हमारे तूफानी जल निकासी नेटवर्क पर दबाव को कम करते हैं।

पेड़ सामुदायिक खुशहाली को बढ़ाते हैं।

पेड़ लोगों को एक साथ लाते हैं। शहरी पार्कों में एक शांत सूक्ष्म जलवायु प्रदान करके, पेड़ इन सार्वजनिक हरे स्थानों के अधिक उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं, जहाँ समुदाय एक साथ मिलकर एक दूसरे से जुड़ सकता है और मनोरंजक गतिविधियों का आनंद ले सकता है। इससे सामाजिक अलगाव कम होता है और शहर में सामाजिक संबंध बेहतर होते हैं।

पेड़ हमारे समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि हरियाली के संपर्क में आने से स्कूली बच्चों के ध्यान के स्तर और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार होता है। कार्यालय कर्मचारियों के लिए, खिड़की से हरियाली का नज़ारा सूक्ष्म-पुनर्स्थापनात्मक अवसर प्रदान करता है, जो शोध से पता चला है कि काम पर अधिक प्रभावशीलता और संतुष्टि में योगदान देता है।

पेड़ हमें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं।

वैश्विक जलवायु परिवर्तन हमारे वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि के कारण होता है, और इसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक मौसम में बदलाव होता है जैसे कि गर्म तापमान, समुद्र का बढ़ता स्तर और अधिक चरम मौसम की घटनाएँ। हमारा देश पिछले कुछ दशकों से औसत तापमान के साथ-साथ औसत समुद्र के स्तर में भी वृद्धि का अनुभव कर रहा है, और जलवायु परिवर्तन मॉडल संकेत देते हैं कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा।

पेड़ ग्रीनहाउस गैसों को कम करते हैं जब वे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और इसे लकड़ी के रूप में संग्रहीत करते हैं। यह प्रक्रिया, जिसे कार्बन पृथक्करण के रूप में जाना जाता है, जलवायु परिवर्तन और हमारे देश पर इसके प्रभाव के खिलाफ हमारी दीर्घकालिक लड़ाई में आवश्यक है।

पेड़ शहरी जैव विविधता को बढ़ाते हैं।

शहरीकरण से आमतौर पर शहर के मूल पौधे और पशु समुदायों में कमी आती है। पेड़ कुछ खास समूहों के मूल वन्यजीवों के लिए आवास उपलब्ध कराकर जैव विविधता के इस नुकसान को कम कर सकते हैं। पक्षी अक्सर पेड़ों की छत्रछाया में अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं और शिकारियों से छिपते हैं। कुछ पेड़ों के फूल, फल और पत्ते विभिन्न मूल पक्षियों और तितलियों के लिए भोजन भी प्रदान करते हैं। पेड़ों की बड़ी शाखाएँ विभिन्न प्रकार के मूल चढ़ने वाले पौधों, फ़र्न और ऑर्किड को सहारा देती हैं। अंत में, हमारी सड़कों के किनारे घने पेड़ लगाने से हरित गलियारे बनते हैं, जिससे मूल वन्यजीवों को एक जंगल से दूसरे जंगल में आसानी से जाने में मदद मिलती है, साथ ही उन्हें हमारे घरों के पास देखने की हमारी संभावनाएँ भी बढ़ जाती हैं!

पेड़ हमारी अर्थव्यवस्था में सहायता करते हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि अधिक पेड़ों वाले व्यावसायिक स्थानों पर पैदल यातायात और खुदरा बिक्री बेहतर होती है। प्रॉपर्टी डेवलपर्स अक्सर अपनी प्रॉपर्टी का विपणन करने के लिए पेड़ों द्वारा प्रदान की जाने वाली हरियाली के आकर्षण का उपयोग करते हैं, और कुछ मामलों में, पेड़ों की उपस्थिति प्रॉपर्टी के मूल्य को बढ़ा सकती है।

परिवेश के तापमान को कम करके, पेड़ एयर कंडीशनिंग के उपयोग को कम करके व्यवसायों को बिजली बचाने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करते हैं, जैसे कि तूफानी पानी को रोकना, जिसके लिए अन्यथा और भी अधिक बुनियादी ढाँचे के निवेश की आवश्यकता होगी।

अंततः, सिंगापुर की वृक्ष-पंक्तिबद्ध उष्णकटिबंधीय सड़कें हमें एक बगीचे में स्थित जैव-प्रेमी शहर के रूप में एक विशिष्ट वैश्विक पहचान प्रदान करती हैं।

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मन को सुकून देने वाली कहानी mind soothing story

 एक बार एक आदमी मछली पकड़ने गया वहा  उसने पूरी तरह से मेहनत करी हर एक तरीका आज़माया जिससे वह मछली पकड़ सके लेकिन हर तरीके में वो नाकामयाब रहा। दिन ढलने लगा और शाम हो गई।  अब वो आदमी परेशान होकर ये सोचने लगा कि अब मैं अगर खाली हाथ घर जाऊंगा तो मैं और मेरा परिवार खाएंगे क्या।


मन को सुकून देने वाली कहानी mind soothing story

चिंता करते करते उसने देखा की वो मछली बाज़ार के पास ही है। वो जल्दी से मछली की दुकान पर गया और बोला "मैं चार मछलियां खरीदूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है की आप मुझे मछलियां जिंदा ही देंगे और मैं उन्हें खुद पकडूंगा और फिर खरीदूंगा।

 दुकानदार ये सुनकर हैरान रह गया की क्या अजीब आदमी है लेकिन उसने एक बड़ी बाल्टी में पानी भर कर उसमे चार से पांच मछलियां डालदी। आदमी ने एक एक करके चार मछलियां पकड़ी और दुकानदार से कहा ये लो इन मछलियों के पैसे।

 दुकानदार से अब रहा नहीं गया उसने आखिर पूछ ही लिया की भाई आप कैसे हो अगर आपको मछलियां चाहिए ही थी तो आप ऐसे ही ले लेते इतना सब करने की क्या ज़रूरत,  ये सुनकर उस आदमी ने कहा कि तुम समझे नही अब जब मैं घर जाऊंगा तब मेरा परिवार मुझसे ये सवाल ज़रूर पूछेगा की आपने कितनी मछलियां पकड़ी तब मैं उनसे ये कह पाऊंगा की मैंने चार मछलियां पकड़ी है तब  मुझे कोई दुख भी नही होगा कि मैंने कोई झूठ बोला क्युकी ये मछलियां सच में मैने पकड़ी है अब मैं जब कल मछलियां पकड़ने जाऊंगा तो यह सोचकर जाऊंगा की आज मैं नाकामयाब नही होऊंगा  ...

 सीख: 

  ज़िंदगी में आपको असफलता कई बार मिलेगी लेकिन असफलता में कहीं न कहीं सफल होने का रास्ता भी होगा अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप असफल होकर ही दुखी रहना चाहते हो या फिर सफलता का रास्ता ढूंढकर खुश होना चाहते हो 

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जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी - inspirational story in hindi

एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन  जब वो अपने सपनो की बाते दूसरो से करता तब सब उसका मज़ाक उड़ाते और उसको समझने वाला कोई नहीं था। सब उससे यही कहते की ये तुम्हारे सपने पूरे नही हो सकते क्युकी तुम एक छोटे से गांव में रहते हो ,  उस लड़के को ये सुनकर बहुत ही ज़्यादा गुस्सा आया की क्या हमारे गांव में कोई भी इतना काबिल नहीं है जो हमारे गांव का नाम रौशन का सके. अगर आज तक किसी ने हमारे गांव में सपने नही देखे और सफलता नहीं पाई तो कोई बात नहीं मैं अपने गांव का नाम रौशन ज़रूर करूंगा.  लड़के के दोस्त ने लड़के की बात को समझा और उसे बताया कि हमारे गांव के पास में ही एक (library) पुस्तकालय है जहा जाकर उस को कई बातो की जानकारी मिल जाएगी जो वो जानना चाहता है। 

जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी - inspirational story in hindi

  उस लड़के ने (library) पुस्तकालय जाकर देखा तो वहा पर अनगिनत किताबे थी  और तो और वहा एक दम शांति और हर कोई बस किताबे पड़ रहा था। वो लड़का बहुत ही ज़्यादा खुश हुआ और वो हर रोज़ वहा जाता और किताबे पड़ता उसके लिए अब कुछ भी करना मुश्किल नही था,  लेकिन (library) पुस्तकालय  से आते वक्त उसने गांव में कुछ बच्चो को देखा जो की उसको देखकर बहुत ही ज़्यादा खुश हो रहे थे लड़के ने बच्चो से पूछा तुम लोग आखिर इतना खुश क्यों हो तब उनमें से एक बच्चा बोला की भाई आज आप अपने सपने पूरे करेने  के लिए इतना दूर जाते हो और  आप थकते भी नही आप देखना जब हम बड़े हो जायेंगे तो हम भी अपने सपने पूरे करने के लिए उस अनोखी जगह जाएंगे जहा से आपने इतना ज्ञान पाया है अब आपको सफलता मिल कर ही रहेगी ।

 लड़का हंसकर बोला सही कहा तुमने मैं अपना सपना ज़रूर पूरा करूंगा लेकिन क्या तुम्हे पता भी है की मेरा सपना क्या है बच्चो ने कहा नही हमे नही पता तब लड़के ने बताया "मैं अपने इसी गांव को शहर की तरह बनाना चाहता हु जैसे शहर में लोग पड़ते लिखते हैं और तरक्की करते हैं वैसे ही हमारे गांव के बच्चे भी तरक्की करेंगे।"

बच्चो ने सवाल पूछा की आखिर ये होगा कैसे लड़के ने जवाब दिया जो भी मैने (library) पुस्तकालय में सीखा है। मैं वो सब कुछ तुम्हे सिखाऊंगा तुम बस मुझे बता दो की तुम बनना क्या चाहते हो। बच्चो ने अपने अपने सपने लड़के को बता दिए अब लड़का रोज़ (library) पुस्तकालय जाता और बच्चो के ज़रूरत की सारी जानकारी एक किताब में चुपके से लिख लेता और  बच्चो को वो सब कुछ सिखाता जो उसने अपनी किताब में लिखा है अब लड़का अपना ही नही बच्चो के सपनो के लिए भी मेहनत कर रहा था, कुछ वक्त बाद उस लड़के ने सिर्फ अपना ही नही बल्कि  उन बच्चो का भी सपना पूरा किया। ये सब देखकर लड़के के दोस्त ने कहा तेरा सपना तो एक महान (writer) लेखक बनने का था तो तूने इन बच्चो पर अपना वक्त बर्बाद क्यों किया,  लड़का बोला तू समझा नहीं जब मैने सपना देखा था एक महान (writer) लेखक बनकर अपने गांव का नाम रौशन करने का और जब मैने सबको अपने सपने के बारे में बताया था तब सबने कहा था कि मुझसे नही हो पाया क्यूंकि मैं छोटे से गांव में रहता हूं। आज देखना इस छोटे से गांव के बच्चे ही  अपने सपने पूरे करके इस छोटे से गांव के नाम को बहुत बड़ा बना देंगे और देखना जब ये सफलता पा लेंगे तो इनकी सफलता की कहानी मैं खुद लिखूंगा तब मैं भी एक (writer) लेखक बन जाऊंगा तब होगा मेरा सपना पूरा।

 सीख 

 इस कहानी से हमे सीखने को मिलता है की अगर सफलता पाने के लिए कोई रास्ता न दिखे तो खुद रास्ता बनाना ही बेहतर होता है क्युकी सफलता भी उन लोगो को ही मिलती हैं जो कभी हार नही मानते।

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Morivational story for students - मोटिवेशनल स्टोरी फॉर स्टूडेंट्स


Morivational story for students - मोटिवेशनल स्टोरी फॉर स्टूडेंट्स

 एक बार एक कॉलेज में चार दोस्त पड़ते थे चारो एक ही क्लास में थे इसलिए इनके बीच की दोस्ती काफी गहरी थी। एक दिन कॉलेज में announcement की  गई के कुछ दिन बाद आपका exam लिया जाएगा। लेकिन ये बात ये चारो दोस्त भूल गए और exam की एक रात पहले ये चारो दोस्त पार्टी के लिए बाहर चले गए। 

अगले दिन जब चारो दोस्त कॉलेज गए तो उन्होंने देखा की exam का टाइम ही खतम हो चुका है तब इन चारो दोस्तो ने  एक प्लान बनाया और कार का ऑयल अपने कपड़े पर लगाया और अपनी प्रिंसिपल के केबिन में जाकर प्रिंसिपल से कहा हमारी कार का टायर पंचर हो गया था इसलिए हम exam नहीं दे पाए। प्रिंसिपल ने कहा ठीक है तुम कल कॉलेज आना कल तुम्हारा exam ले लिया जाएगा।

 चारो दोस्त खुश होकर वहा से निकल गए और ये सोचने लगे की आज तो हम बच गए। इन चारो दोस्तो ने रात भर पढ़ाई की और जब अगले दिन exam देने गए तब इनसे कहा गया की तुम चारो का exam अलग अलग क्लास में लिया जाएगा। चारो दोस्त अलग अलग क्लास में जाकर बैठ गए ,

लेकिन जब इनके हाथ में question paper आया तब इनकी आंखे खुली की खुली रह गई क्युकी question paper में सिर्फ एक सवाल लिखा था की कार का कौन सा टायर पंचर हुआ था चारो दोस्त हैरान हो गए तब उनको अपनी गलती का एहसास हुआ 

  सीख: 

 हमें कभी  झूठ नहीं बोलना चाहिए क्युकी अगर आप जिससे झूठ बोल रहे हो और उसको आपके झूठ के बारे में पता है तो आप सिर्फ उसकी नज़रों में ही नही बल्कि अपनी नज़रों में भी बुरे और छोटे बन जाओगे।

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भारत के नाट्‌य शास्त्र में जिन नाटकों के मंचन का उल्लेख मिलता है उनमें 'अमृत मंथन' सर्वप्रथम गिना जाता है। भारतीय नाटक देवासुर-संग्र...