शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले

किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले शुभ मुहूर्त या विशेष ग्रह स्थिति देखी जाती हैं। शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसी तिथियां बताई गई हैं जो कुछ विशेष परिस्थितियों में अशुभ फल देती हैं। अत: इन तिथियों पर कोई भी नए कार्य का प्रारंभ नहीं करना चाहिए। यदि आप किसी शुभ का शुभारंभ करने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि उस दिन यह तिथि और वार न हो। शास्त्रों के अनुसार किसी भी माह की द्वादशी, एकादशी, दशमी, तृतीया, षष्ठी, द्वितीया और सप्तमी यदि क्रमश: रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार को आ रही हो तो उसी शुभ कार्य प्रारंभ न करें। इन वारों पर यह तिथियों अशुभ फल देने वाली बताई गई हैं। इन दिनों में कार्य प्रारंभ करने पर वह कार्य बिगडऩे की संभावनाएं रहती हैं और इन योगों को कुयोग समझा जाता है। अत: इन तिथियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि इन योगों में कोई कार्य प्रारंभ करना अतिआवश्यक हो तो भगवान से प्रार्थना कर ही प्रारंभ करें। इस हेतु विधि विधान से संबंधित पूजा कराई जाना चाहिए। इन तिथियों के स्वामी देवताओं का पूजन करके ही कार्य शुरू करें।
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