बाबर ने मुस्लिम धर्म के प्रसार के लिए मंदिर को मस्जिद बनाने का आदेश दे दिया ! मंदिर तोड़ दिया गया ! उसी के अवशेषों से तथा हिन्दुओं के रक्त से सने हुए गारे से मस्जिद का निर्माण प्रारंभ हुआ !
जब मस्जिद की दीवार १ फुट उचाई तक पहुचते पहुचते *दैवीय शक्ति * के कारण अनेको बार गिरी, तब कज़ल अब्बास कलंदर ने पुजारी श्यामानंद को प्रताड़ित कर, तरह तरह की यातनायें देकर दीवार बनाए जाने की पद्दति मालूम की ! तब पुजारी श्यामानंद जी ने जो जानकारियां दी थी वो इस प्रकार है -
1 . मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर चन्दन की सिल्ली पर लिखवाए.. *'सीता पाक है'* ! यह चन्दन की सिल्ली वर्तमान में भी है !
उपर्युक्त राज़ जानने के बाद कज़ल अब्बास कलंदर ने पुजारी श्यामानंद महाराज की गर्दन कलम करवा दी और अनेको परिवर्तन कराने के पश्चात् मस्जिद बनवाने में सफल हो सकां !
जब मस्जिद की दीवार १ फुट उचाई तक पहुचते पहुचते *दैवीय शक्ति * के कारण अनेको बार गिरी, तब कज़ल अब्बास कलंदर ने पुजारी श्यामानंद को प्रताड़ित कर, तरह तरह की यातनायें देकर दीवार बनाए जाने की पद्दति मालूम की ! तब पुजारी श्यामानंद जी ने जो जानकारियां दी थी वो इस प्रकार है -
1 . मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर चन्दन की सिल्ली पर लिखवाए.. *'सीता पाक है'* ! यह चन्दन की सिल्ली वर्तमान में भी है !
2 . मस्जिद के बगल में बजू करने के लिए *कुआं* न बनाया जाए ! (दुनिया की सभी प्रमुख मस्जिदों के बगल में हों..जरुरी है )
3 . मंदिर की *परिक्रमा* प्रणाली मस्जिद में भी जारी की जाए !
4 . मस्जिद का गुम्बद मंदिरों की तरह बनाया जाए !
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