...तो मृत्यु भी मधुर हो जाए ! How to Live & How to Die ?

कैसे जियें और कैसे मरें ? 
कुछ लोग कहते है की ज़िन्दगी परछाई के सिवा कुछ नहीं है ! इन लोगो को अपने जीवन में निराशा, अंधकार और केवल मृत्यु के स्वप्न आते है ! दुनियादारी के बोझ तले दबे लोगो की यह प्रतिक्रिया है ! कुछ लोग कहते है की जीवन एक कला है ! ऐसे लोग प्रत्येक स्थिति में खुश रहना चाहते है ! ज़िन्दगी पतझड़ नहीं बसंत है ! ग़र जीने का सही ढंग जान गए तो अंत तक जीवन में बसंत ही रहेगी ! उसके लिए जीवन खिलते पुष्प सा होगा, पंछी की चहक सा होगा, झरने की तरह प्रसन्न होगा, संतो का जीवन ऐसा ही होता है १ देखिये सुखदेव जी भी कहते है- 
कृष्ण ही कला है और कला ही कृष्ण है ! कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन कलकल बहता झरना है ! कृष्ण के स्मरण मात्र से ह्रदय मधुरता से भर जाता है !
0 0

No comments:

Post a Comment

Thanks to visit this blog, if you like than join us to get in touch continue. Thank You

Feetured Post

सच्चे रिश्तों का सम्मान

 सफल गृहस्थ जिंदगी जी रही प्रिया की जिंदगी में पति आकाश के अलावा करण क्या आया, उसकी पूरी जिंदगी में तूफान आ गया। इसकी कीमत प्रिया ने क्या खो...