विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
हर रिश्ता विश्वास की मजबूत नींव पर खड़ा रहता है
भक्त का भगवान से हो या इंसान का इंसान से हर रिश्ता विश्वास की मजबूत नींव पर खड़ा रहता है। किसी भी रूप में यह भरोसा कमजोर होते ही व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में उथल-पुथल मच जाती है।
यही कारण है कि रिश्तों में विश्वास को कायम रखने के लिए जिस सूत्र को जीवन में उतारने, अपनाने के लिए सबसे जरूरी माना गया है। वह सूत्र चरित्र, व्यक्तित्व, व्यवहार और विचार को इतना पावन बना देता है कि इंसान को शक्ति और आत्मविश्वास से भर हमेशा निर्भय रखता है। शास्त्रों में बताया यह बेजोड़ सूत्र है - सत्य को अपनाना।
शास्त्रों के मुताबिक सत्य ही भगवान है। इसलिए आचरण, विचार, वाणी, कर्म, संकल्प सभी में सत्य का होना ईश्वर का जप ही है। फिर इंसान अगर देव उपासना के धार्मिक कर्मकाण्डों से चूक भी जाए तो भी वह भगवान का कृपा पात्र बना रहता है।
हिन्दू धर्मग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता में भी सत्य की अहमियत बताते हुए लिखा गया है कि -
नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सत:।
सरल अर्थ है कि असत्य नाशवान होता है, बल्कि सत्य का कभी नाश नहीं होता, वह अपरिवर्तनशील है।
फिर भी सांसारिक जीवन में नाशवान पदार्थोँ से इंसान मोह करता है, किंतु सत्य जैसे अमरत्व का सूत्र अपनाने में बहुत विचार और तर्क करता है। जबकि सत्य को संकल्प के साथ अपनाने की कोशिश क रे तो वह इंसान की ताकत बन जीवन में शांति व सुख लाकर प्रतिष्ठा और यश का कारण बनते हैं।
मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
Feetured Post
सच्चे रिश्तों का सम्मान
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