विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएं
जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं, रोटी, कपड़ा और मकान। इन्हें पूरी करने के लिए ही सभी दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन कुछ लोग इन तीनों जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसी वजह से काफी लोग जो कुछ भी नहीं कर पाते हैं वे भीख मांगना शुरू कर देते हैं। आज लगभग सभी सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में भिखारी मौजूद रहते हैं।
अक्सर ऐसा होता है कि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर कुछ खा रहे होते हैं ठीक उसी समय कोई भिखारी आपके खाने को देखता रहता है। ऐसे में काफी लोग उसे अनदेखा करके खाना खाते रहते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में भिखारी को अनदेखा नहीं करना चाहिए। बल्कि हम जो भी खा रहे हो उसमें कुछ अंश निकालकर उसे दे देना चाहिए।
यदि कोई भिखारी लगातार आपके खाने की ओर नजर लगाए खड़ा रहता है तो इससे आपको उसकी बुरी नजर लग सकती है। जिससे खाना ठीक से पचता नहीं है और पेट संबंधी बीमारी होने की संभावना रहती है। इससे बचने के लिए जब भी किसी सार्वजनिक स्थान कुछ खाए तो ध्यान रखें कि कोई भिखारी वहां न हो, या आप पर उसकी सीधी नजर न पड़े। यदि कोई भिक्षुक आपके सामने आ भी जाए तो अपने खाने में से उसे कुछ अंश अवश्य दे देना चाहिए। शास्त्रों में भिक्षुक का भी काफी महत्व बताया गया है। इन्हें खाना दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं मानवता का भी धर्म बताया गया है किसी भुखे व्यक्ति को खाना खिलाना चाहिए।
मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
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