My Followers

Saturday, January 28, 2012

लौंग को आयुर्वेद में बहुत उपयोगी औषधी

लौंग को आयुर्वेद में बहुत उपयोगी औषधी माना गया है। दादी और नानी के नुस्खों में इसे विशेष स्थान प्राप्त है। लौंग, जिसे कि लवांग के नाम से भी जाना जाता है, एक पेड़ की सूखी कली होती है। जो कि खुशबूदार होता है। दुनिया भर के व्यंजनों को बनाने में प्राय: लौंग का प्रयोग एक मसाले के रूप में किया जाता है। लौंग का अधिक मात्रा में उत्पादन जंजीबार और मलाक्का द्वीप में होता है। इसका उपयोग भारत और चीन में 2000 वर्षों से भी अधिक समय से हो रहा है। लौंग का उत्पादन मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मेडागास्कर, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशों में होता है। आपको शायद यह जानकर आश्चर्य हो कि अठारहवीं शताब्दी में ब्रिटेन में लौंग का मूल्य उसके वजन के सोने के बराबर हुआ करता था। लौंग कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, वसा जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा लौंग में खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, पोटेशियम, विटामिन सी और ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीखी लोंग के ऐसे ही कुछ प्रयोग जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। - खाना खाने के बाद 1-1 लौंग सुबह-शाम खाने से एसीडिटी ठीक हो जाती है। -15 ग्राम हरे आंवलों का रस, पांच पिसी हुई लौंग, एक चम्मच शहद और एक चम्मच चीनी मिलाकर रोगी को पिलाएं इससे एसीडिटी ठीक हो जाता है। - लौंग को गरम कर जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द गायब हो जाता है। - लौंग को पीसकर एक चम्मच शक्कर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल लें व ठंडा कर लें। इसे पीने से उल्टी होना व जी मिचलाना बंद हो जाता है। - लौंग सेंककर मुंह में रखने से गले की सूजन व सूखे कफ का नाश होता है। - सिर दर्द, दांत दर्द व गठिया में लौंग के तेल का लेप करने से शीघ्र लाभ मिलता है। - गर्भवती स्त्री को अगर ज्यादा उल्टियां हो रही हों तो लौंग का चूर्ण शहद के साथ चटाने से लाभ होता है। - लौंग का तेल मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेटदर्द में लाभ होता है। - एक लौंग पीस कर गर्म पानी से फांक लें। इस तरह तीन बार लेने से सामान्य बुखार दूर हो जाएगा। - लौंग दमा रोगियों के लिए विशेषरूप से लाभदायक है। लौंग नेत्रों के लिए हितकारी, क्षय रोग का नाश करने वाली है। - लौंग और हल्दी पीस कर लगाने से नासूर मिटता है। - चार लौंग पीस कर पानी में घोल कर पिलाने में तेज ज्वर बुखार हो जाता है। - पांच लौंग दो किलो पानी में उबालकर आधा पानी रहने पर छान लें। इस पानी को नित्य बार-बार पिलाएं। केवल पानी भी उबाल कर ठंडा करके पिलाएं। लौंग को आयुर्वेद में बहुत उपयोगी औषधी माना गया है। दादी और नानी के नुस्खों में इसे विशेष स्थान प्राप्त है। लौंग, जिसे कि लवांग के नाम से भी जाना जाता है, एक पेड़ की सूखी कली होती है। जो कि खुशबूदार होता है। दुनिया भर के व्यंजनों को बनाने में प्राय: लौंग का प्रयोग एक मसाले के रूप में किया जाता है। लौंग का अधिक मात्रा में उत्पादन जंजीबार और मलाक्का द्वीप में होता है। इसका उपयोग भारत और चीन में 2000 वर्षों से भी अधिक समय से हो रहा है। लौंग का उत्पादन मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मेडागास्कर, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशों में होता है। आपको शायद यह जानकर आश्चर्य हो कि अठारहवीं शताब्दी में ब्रिटेन में लौंग का मूल्य उसके वजन के सोने के बराबर हुआ करता था। लौंग कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, वसा जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा लौंग में खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, पोटेशियम, विटामिन सी और ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीखी लोंग के ऐसे ही कुछ प्रयोग जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। - खाना खाने के बाद 1-1 लौंग सुबह-शाम खाने से एसीडिटी ठीक हो जाती है। -15 ग्राम हरे आंवलों का रस, पांच पिसी हुई लौंग, एक चम्मच शहद और एक चम्मच चीनी मिलाकर रोगी को पिलाएं इससे एसीडिटी ठीक हो जाता है। - लौंग को गरम कर जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द गायब हो जाता है। - लौंग को पीसकर एक चम्मच शक्कर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल लें व ठंडा कर लें। इसे पीने से उल्टी होना व जी मिचलाना बंद हो जाता है। - लौंग सेंककर मुंह में रखने से गले की सूजन व सूखे कफ का नाश होता है। - सिर दर्द, दांत दर्द व गठिया में लौंग के तेल का लेप करने से शीघ्र लाभ मिलता है। - गर्भवती स्त्री को अगर ज्यादा उल्टियां हो रही हों तो लौंग का चूर्ण शहद के साथ चटाने से लाभ होता है। - लौंग का तेल मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेटदर्द में लाभ होता है। - एक लौंग पीस कर गर्म पानी से फांक लें। इस तरह तीन बार लेने से सामान्य बुखार दूर हो जाएगा। - लौंग दमा रोगियों के लिए विशेषरूप से लाभदायक है। लौंग नेत्रों के लिए हितकारी, क्षय रोग का नाश करने वाली है। - लौंग और हल्दी पीस कर लगाने से नासूर मिटता है। - चार लौंग पीस कर पानी में घोल कर पिलाने में तेज ज्वर बुखार हो जाता है। - पांच लौंग दो किलो पानी में उबालकर आधा पानी रहने पर छान लें। इस पानी को नित्य बार-बार पिलाएं। केवल पानी भी उबाल कर ठंडा करके पिलाएं।
0 0

Feetured Post

Batenge To Katenge Song II बंटेंगे तो कटेंगे II Desh Bhakti II Election II BJP II #india #hindu

Batenge To Katenge Song II बंटेंगे तो कटेंगे II Desh Bhakti II Election II BJP II #india #hindu