इश्वर दर्शन कैसे हो ....

जैसे अत्यंत पिपासा से व्याकुल होकर मनुष्य जल की बूंद के लिए छटपटाता है और एक छण की देर भी सहन नहीं कर सकता वैसी दस जब भगवान्  के दर्शन के लिए भक्त की हो जाती है तब भगवान् को भी एक छण का विलम्ब असत्य हो जाता है और वे अपने सारे ऐश्वर्य वैभव को भुलाकर उस नगण्य मानव के सामने प्रगट हो कर उसे कृतार्थ करते है ......!
0 0

No comments:

Post a Comment

Thanks to visit this blog, if you like than join us to get in touch continue. Thank You

Feetured Post

गलत वोट देने से देश नहीं बचेगा

 🎤  "अगर चुप हो, तो दोषी हो" देश के दुश्मन सिर्फ वो नहीं, जो समानता का विरोध करते हैं... कई बार चुप रहने वाले भी, गलत का साथ निभा...