श्रीमद भागवद कथा रूपी जड़ी बूटी

हम लोग दत्तचित्त होकर जब भगवत कथा में बैठते है, श्रवण करते है तो कलि यहाँ प्रवेश नहीं कर सकता ! जैसे राजा परिक्छित ने कलि का निग्रह किया है, यह कथा कलि का निग्रह करती है १ लेकिन जब तक भगवान् की अनुग्रह न हो तब तक कथा में प्रवेश नहीं होता ! 
जीवन है सर्प और नेवले के बीच का युद्ध :  सुना है की जब सर्प और नेवले के बीच युद्ध होता है और जब सर्प नेवले को काट लेता है, जहर फैलने लगता है तब वह भागता है, और एक जड़ी बूटी होती है, उसको सूंघ लेता है, तो उसका ज़हर उतर जाता है ! उस जड़ी बूटी में ऐसा गुण है ! फिर आ जाता है वह सर्प के साथ युद्ध करने, उसे मोका मिलता है तो सर्प को नोचता है, इस प्रकार युद्ध करता हुआ नेवला अंततः सर्प पर विजय प्राप्त कर लेता है, ठीक उसी प्रकार संसार यह है वह सर्प है और हमारा युद्ध चल रहा है संसार सर्प के साथ ! संशय, संसार, काम और काल को सर्प कहा है -
                               " काम भुजंग डसत जब जाहीं !
                                विषय नीम कटु लागत नाहीं !!"

जब शुकदेव जी महाराज की वंदना करते है सूत जी भागवत के अंत में तो कहते है -
                             "योगिन्द्राय नमतस्मऐ शुके ब्रम्हरुपिणऐ !
                               संसारसर्पदस्तंग यो विष्णुरातममुमूचते !!"

तो जब जब यह काम, काल सर्प, संशय सर्प, संसार सर्प, हमें डसता है हममें और जीवन में ज़हर फ़ैल जाता है तब तब उस बुद्धिमान नेवले की भांति हमें भी चाहिए की हम जड़ी बूटी को सूंघ लें ताकि ज़हर उतर जाए, और उस जड़ी बूटी का नाम है "श्रीमद भागवत " !
0 0

No comments:

Post a Comment

Thanks to visit this blog, if you like than join us to get in touch continue. Thank You

Feetured Post

कैंसर कोई खतरनाक बीमारी नहीं है! Cancer is not a dangerous disease!

 कैंसर कोई खतरनाक बीमारी नहीं है!  डॉ. गुप्ता कहते हैं, लापरवाही के अलावा कैंसर से किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। (1). पहला कदम चीनी का सेवन ब...