विचारों के अनुरूप ही मनुष्य की स्थिति और गति होती है। श्रेष्ठ विचार सौभाग्य का द्वार हैं, जबकि निकृष्ट विचार दुर्भाग्य का,आपको इस ब्लॉग पर प्रेरक कहानी,वीडियो, गीत,संगीत,शॉर्ट्स, गाना, भजन, प्रवचन, घरेलू उपचार इत्यादि मिलेगा । The state and movement of man depends on his thoughts. Good thoughts are the door to good fortune, while bad thoughts are the door to misfortune, you will find moral story, videos, songs, music, shorts, songs, bhajans, sermons, home remedies etc. in this blog.
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Saturday, February 25, 2012
नकल में भी अकल की जरूरत
अयोध्या में चूड़ामणि नाम का एक व्यक्ति रहता था। धन पाने की इच्छा से उसने बहुत दिनों तक भगवान की तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर एक रात धन देवता कुबेर ने उसे सपने में दर्शन दिए।
उन्होंने कहा “सूर्योदय के समय तुम हाथ में लाठी लेकर घर के दरवाजे पर खड़े हो जाना। कुछ देर बाद तुम्हारे पास एक भिक्षुक आएगा। उसके हाथ में एक भिक्षा पात्र होगा। जैसे ही तुम उस भिक्षा पात्र में अपनी लाठी अड़ाओगे वह सोने में परिवर्तित हो जाएगा। उसे तुम अपने पास रख लेना। ऐसा दस दिन करने से तुम्हारे पास दस सोने के पात्र हो जाएंगे। जिससे तुम्हारी जीवन भर की दरिद्रता दूर हो जाएगी।
रोज सुबह उठकर चूडामणि वैसा ही करने लगा जैसा कुबेर ने सपने में बताया था। एक दिन उसे ऐसा करते हुए पड़ोसी ने देख लिया। बस उसी दिन से चूडामणि का पड़ोसी नित्यप्रति किसी भिक्षुक की प्रतीक्षा में अपने घर के दरवाजे पर लाठी लिए खड़ा रहता।
बहुत दिन बाद अतंतः एक भिक्षुक उसके दरवाजे पर भिक्षा मांगने आया। पडौसी ने भिक्षा पात्र पर डंडा छुआया। पर वह सोने में नहीं बदला। अंत में से गुस्सा आया और उसके आव देखा न ताव और भिक्षुक पर प्रहार करना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में भिक्षुक के प्राण पखेरू उड़ गए। उसके इस कर्म की सूचना राजा तक पहुंची। राजकर्मचारी उसे गिरफ्तार कर राजा के सामने ले गए। अभियोग सिद्द होने पर पड़ोसी कोमृत्युदंड दिया गया।
मानवता और राष्ट्रीयता के अनुकूल व्यवहार ही इंसान का प्रमुख धर्म है।
जय श्री राम
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