My Followers

Saturday, February 25, 2012

कर्म के आगे खुद भगवान भी झुके

कर्म किए जा एक बार की बात है, भगवान और देवराज इंद्र में इस बात पर बहस छिड़ गई कि दोनों में से श्रेष्ठ कौन हैं? उनका विवाद बढ़ गया तब इंद्र ने यह सोचकर वर्षा करनी बंद कर दी कि यदि वे बारह वर्षों तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं करेंगे तो भगवान पृथ्वीवासियों को कैसे जीवित रख पाएंगे। इंद्र की आज्ञा से मेघों ने जल बरसाना बंद कर दिया। किंतु किसानों ने सोचा कि यदि यह लड़ाई बारह वर्षों तक चलती रही तो वे अपना कर्म ही भूल बैठेंगे। उनके पुत्र भी सब कुछ भूल जाएंगे। अतः उन्हें अपना कर्म करते रहना चाहिए। यह सोचकर उन्होंने कृषि कार्य शुरू कर दिया। वे अपने-अपने खेत जोतने लगे। तभी मिट्टी के नीचे छिपा कर मेढ़क बाहर आया और किसानों को खेती करते देख आश्चर्यचकित होकर बोला- “इंद्र देव और भगवान में श्रेष्ठता की लड़ाई छिड़ी हुई है। इसी कारण इंद्र देव ने बारह वर्षों तक पृथ्वी पर वर्षा न करने का निश्चय किया है। फिर भी आप लोग खेत जोत रहे हैं! यदि वर्षा ही न हुई तो खेत जोतने का क्या लाभ?” किसान बोले-“मेढ़क भाई! यदि उनकी लड़ाई वर्षों तक चलती रही तो हम अपनी कर्म ही भूल जाएंगे। इसलिए हमें अपना कर्म तो करते ही रहना चाहिए।” मेढ़क ने सोचा- ‘तो मैं भी टर्राता हूं, नहीं तो मैं भी टर्राना भूल जाऊंगा। तब वह भी टर्राने लगा।’ उसने टर्राना शुरू किया तो मोर ने भी इंद्र एवं भगवान के मध्य लड़ाई की बात कही। मेढ़क बोला-“मोर भाई! हमें तो अपना कर्म करते ही रहना चाहिए, चाहे दूसरे अपने कार्य भूल जाएं। क्योंकि यदि हम अपने कर्म भूल जाएंगे तो आने वाली पीढ़ी को कैसे मालूम होगा कि उन्हें क्या कर्म करने हैं। अतः सबको अपना कर्म करने चाहिएं। फल क्या और कब मिलता है, यह ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।” मेढ़क की बात सुनकर मोर भी पिहू-पिहू बोलने लगा। देवराज इंद्र ने जब देखा कि सभी प्राणी अपने-अपने कार्य में लगे हैं तो उन्होंने सोचा कि ‘शायद इन्हें ज्ञात नहीं है कि मैं बारह वर्षों तक नहीं बरसूंगा। इसलिए ये अपने कर्म कर रहे हैं। मुझे जाकर इन्हें सत्य बताना चाहिए।’ यह सोचकर वे पृथ्वी पर आए और किसानों से बोले-“ये क्या कर रहे हो?” किसान बोले- “भगवन! हमारा कर्म ही ईश्वर है। आप अपना कार्य करें अथवा न करें, हमें तो अपना कर्म करते ही रहना है।” किसानों की बात सुन देवराज इंद्र ने अपनी जिस छोड़ते हुए बादलों को आदेश दिया कि वे पृथ्वी पर घनघोर वरसे।
0 0

Feetured Post

Batenge To Katenge Song II बंटेंगे तो कटेंगे II Desh Bhakti II Election II BJP II #india #hindu

Batenge To Katenge Song II बंटेंगे तो कटेंगे II Desh Bhakti II Election II BJP II #india #hindu