एक दिन बादशाह अकबर व बीरबल वेश बदलकर आगरे की सडको पर घूम रहे थे | तभी उन्होंने देखा की एक ओरत जोर – जोर से चिल्ला रही थी | वह आदमी से ख रही थी, “तुम एक पति होने के लायक नहीं हो | यहाँ से चले जाओ | मेरे दिए गए कम को पूरा किए बिना इस घर में कदम नहीं रखना |”
यह सब देखकर बादशाह ने बीरबल से पूछा, “ आदमी कोई जवाब क्यों नहीं दे रहा| चुपचाप सबकुछ क्यों सुन रहा है? वाद शक्तिशाली है, ओरत पर पलट कर चिल्ला सकता है | वह ऐसा क्यों नहीं कर रहा है?” महाराज, सभी पति ऐसे ही होते है| सभी पति अपनी पत्नी की कहा मानते है और ऐसा ही उन्हें करना पड़ता है क्योकि यही शादी का सत्य है|”
अगले ही सुबह बादशाह ने शादीशुदा व्यक्तियों को महल में बुलाया | सभी के इकट्ठा होने पर वह बोले, “सभी पति जो अपनी पत्नियों की आज्ञा मानते है मेरे दायी तरफ खड़े हो जाए और जो मानते है वो बायीं तरफ खड़े हो जाए |”
इस आदेश पर सभी पुरुष बादशाह के दायी तरफ खड़े हो गए | केवल एक ही व्यक्ति ही बादशाह की बायीं तरफ खड़ा था | यह देखकर की कम से कम एक व्यक्ति तो ऐसा है जो स्वयं की मर्जी का मालिक है, बादशाह अत्यंत प्रसन्न हुए | उन्होंने बीरबल से उसे इनाम देने को कहा, परन्तु बीरबल उस व्यक्ति से एक प्रशन पूछना चाहते थे |
उसने व्यक्ति से पूछा, “जब सभी व्यक्ति दायी और खड़े हुए है पर तुम अकेले ही बायीं तरफ खड़े हो | ऐसा क्यों?
“श्रीमान, दरसल मेरी पत्नी ने मुझसे कहा था, की तुम्हे भीड़ से अलग ही खड़े होना है, इसलिए में सभी से अलग खड़ा हुआ था |”
यह सुनकर सभी दरबारी, एकत्रित पति तथा बादशाह अकबर ठहाके मारकर हसने लगे | बादशाह ने बीरबल से कहा, “बीरबल, एक बार फिर तुम सही हो, तुमने साबित क्र दिया की सभी पति अपनी पत्नी की आज्ञा मानते है|”
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