कैसा भी दर्द हो ये FOODS खाएंगे तो नहीं लेना पड़ेगा PAIN KILLER

शरीर के किसी भी अंग में दर्द होना आधुनिक जीवनशैली का परिणाम है। अगर आप किसी भी प्रकार के दर्द के शिकार हैं तो करें दर्द निवारण में मददगार कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करें, ये फूड न केवल आपकी सेहत की रक्षा करेंगे बल्कि हर तरह के दर्द में औषधि की तरह काम करेंगे।

- कैसा भी जोड़ो का दर्द हो अगर उस पर अजवाइन का तेल बनाकर लगाया जाए तो दर्द में बहुत जल्दी राहत मिलती है। 10 ग्राम अजवाइन का तेल 10 ग्राम पिपरमेंट और 20 ग्राम कपूर तीनों को मिलाकर एक बोतल में भर दें। दर्द या कमरदर्द या पसलीदर्द, सिरदर्द आदि में तुरंत लाभ पहुंचाने वाली औषधि है। इसकी कुछ बूंदे मलिए, दर्द छूमंतर हो जाएगा। अजवाइन के तेल की मालिश करने से जोड़ों का दर्द जकडऩ तथा शरीर के अन्य भागों पर भी मलने से दर्द में राहत मिलती है।

- सोंठ और अदरक एक ही पदार्थ के दो रूप हैं। गीले रूप में यह अदरक कहलाती है। सूखने पर यही सोंठ हो जाती है। अदरक और सोंठ का उपयोग मसालों और घेरलू दवाओं के रूप में भी व्यापक रूप से किया जाता है। यह वात रोगों की सबसे अच्छी औषधि है।

- जायफल के तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों की पुरानी सूजन पर मालिश करने से लाभ मिलता है। संधिवात के कारण अकड़े हुए संधि-स्थल को खोलता है। जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। जायफल का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से जोड़ों का दर्द दूर होता है। जायफल को बकरी के दूध में घिसकर उसे थोड़ा गरम कर लेप करने से सिरदर्द, सिर का भारीपन व जुकाम ठीक हो जाता है।

- मैथी गैस व कफ दोनों को ही मिटाने वाली औषधि की तरह कार्य करती है। रोजाना 20 ग्राम मेथी का चूर्ण सुबह-शाम खाने से वात रोग दूर हो जाते हैं। मेथी व सोंठ को समान मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह शाम खाने से गठिया व जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता है।

- हल्दी में विटामिन ए, बी व सी मिलता है। यह गठिया, कुष्ठ, जुकाम व त्वचा के रोगों की चमत्कारिक घरेलू औषधि है, यह सूजन और हड्डी की टूटन को भी ठीक कर सकती है। हल्दी, चूना और शहद समभाग लेकर तीनो ंको अच्छी तरह मिलाकर दर्द के स्थान पर लगाने से गठिया की सूजन दूर होती है। हल्दी के पत्तों को सेंककर बांधने से गठिया की सूजन और दर्द दूर होता है।

- गठिया के दर्द में गाजर बहुत उपयोगी है सबसे अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसे कच्चा या उबाल कर भी खाया जा सकता है। लेकिन कच्चे गाजर का रस अधिक लाभप्रद है क्योंकि इससे शरीर को अधिक पोषण मिलता है। रोजाना आधा से डेढ़ लीटर तक गाजर का रस ले सकते हैं और अपनी आवश्यकता के अनुसार इससे अधिक भी ले सकते हैं। उसमें आंवले का रस मिला लेने पर ये अधिक गुणकारी होता है। एक किलो गाजर के रस में 5-6 आंवले का रस मिलाना चाहिए।

- किसी भी तरह का दर्द हो लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। इसलिए यह वातरक्त, संधिवात आदि रोग में गुणकारी है। लहसुन से पेटदर्द, गठिया, गले के दोष आदि में भी एक औषधि की तरह काम करता है। लहसुन और वायवडिंग को सोलह गुना व पानी में पकाएं, जब पानी जल जाए तो दूध को उतार लें इसे छानकर ठंडा होने पर पीएं। इससे वातनाडिय़ों की शक्ति बढ़ती है। साथ ही मांसपेशियां मजबूत होती है। इससे शारीरिक दर्द महसूस होता है। लहसुन व उड़द के बड़े बनाकर तिल के तेल में तल कर खाने से संधिवात और अन्य बीमारियों में राहत मिलती है।
Photo: कैसा भी दर्द हो ये FOODS खाएंगे तो नहीं लेना पड़ेगा PAIN KILLER
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 (संयोगिता सिंह)
शरीर के किसी भी अंग में दर्द होना आधुनिक जीवनशैली का परिणाम है। अगर आप किसी भी प्रकार के दर्द के शिकार हैं तो करें दर्द निवारण में मददगार कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करें, ये फूड न केवल आपकी सेहत की रक्षा करेंगे बल्कि हर तरह के दर्द में औषधि की तरह काम करेंगे। 

- कैसा भी जोड़ो का दर्द हो अगर उस पर अजवाइन का तेल बनाकर लगाया जाए तो दर्द में बहुत जल्दी राहत मिलती है। 10  ग्राम अजवाइन का तेल 10 ग्राम पिपरमेंट और 20  ग्राम कपूर तीनों को मिलाकर एक बोतल में भर दें। दर्द या कमरदर्द या पसलीदर्द, सिरदर्द आदि में तुरंत लाभ पहुंचाने वाली औषधि है। इसकी कुछ बूंदे मलिए, दर्द छूमंतर हो जाएगा। अजवाइन के तेल की मालिश करने से जोड़ों का दर्द जकडऩ तथा शरीर के अन्य भागों पर भी मलने से दर्द में राहत मिलती है। 

- सोंठ और अदरक एक ही पदार्थ के दो रूप हैं। गीले रूप में यह अदरक कहलाती है। सूखने पर यही सोंठ हो जाती है। अदरक और सोंठ का उपयोग मसालों और घेरलू दवाओं के रूप में भी व्यापक रूप से किया जाता है। यह वात रोगों की सबसे अच्छी औषधि है।

- जायफल के तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों की पुरानी सूजन पर मालिश करने से लाभ मिलता है। संधिवात के कारण अकड़े हुए संधि-स्थल को खोलता है। जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। जायफल का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से जोड़ों का दर्द दूर होता है। जायफल को बकरी के दूध में घिसकर उसे थोड़ा गरम कर लेप करने से सिरदर्द, सिर का भारीपन व जुकाम ठीक हो जाता है।

- मैथी गैस व कफ दोनों को ही मिटाने वाली औषधि की तरह कार्य करती है। रोजाना 20  ग्राम मेथी का चूर्ण सुबह-शाम खाने से वात रोग दूर हो जाते हैं। मेथी व सोंठ को समान मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह शाम खाने से गठिया व जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता है। 

- हल्दी में विटामिन ए, बी व सी मिलता है। यह गठिया, कुष्ठ, जुकाम व त्वचा के रोगों की चमत्कारिक घरेलू औषधि है, यह सूजन और हड्डी की टूटन को भी ठीक कर सकती है। हल्दी, चूना और  शहद समभाग लेकर तीनो ंको अच्छी तरह मिलाकर दर्द के स्थान पर लगाने से गठिया की सूजन दूर होती है। हल्दी के पत्तों को सेंककर बांधने से गठिया की सूजन और दर्द दूर होता है।

- गठिया के दर्द में गाजर बहुत उपयोगी है सबसे अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसे कच्चा या उबाल कर भी खाया जा सकता है। लेकिन कच्चे गाजर का रस अधिक लाभप्रद है क्योंकि इससे शरीर को अधिक पोषण मिलता है। रोजाना आधा से डेढ़ लीटर तक गाजर का रस ले सकते हैं और अपनी आवश्यकता के अनुसार इससे अधिक भी ले सकते हैं। उसमें आंवले का रस मिला लेने पर ये अधिक गुणकारी होता है। एक किलो गाजर के रस में 5-6 आंवले का रस मिलाना चाहिए।

-  किसी भी तरह का दर्द हो लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। इसलिए यह वातरक्त, संधिवात आदि रोग में गुणकारी है। लहसुन से पेटदर्द, गठिया, गले के दोष आदि में भी एक औषधि की तरह काम करता है। लहसुन और वायवडिंग को सोलह गुना व पानी में पकाएं, जब पानी जल जाए तो दूध को उतार लें इसे छानकर ठंडा होने पर पीएं। इससे वातनाडिय़ों की शक्ति बढ़ती है। साथ ही मांसपेशियां मजबूत होती है। इससे शारीरिक दर्द महसूस होता है। लहसुन व उड़द के बड़े बनाकर तिल के तेल में तल कर खाने से संधिवात और अन्य बीमारियों में राहत मिलती है।
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