रिश्तों की मर्यादा के बिना,
प्यार, चरित्रहीन कर देता है,
जब वफ़ा की जगह धोखा हो,
रिश्ता, बदनाम हो जाता है।
दिलों का भरोषा जाता है,
इश्क़ भी, शर्मिंदा होता है,
कहने को प्यार रहता है,
पर चरित्रहीन कर देता है।
धोखा देने बाले प्यार से,
चरित्र पर दाग क्यों लगाए,
धोखे की नींव पर रखा प्यार,
दामन पर दाग लगाये।
जहाँ विचार वफ़ादार न हों,
वहाँ कोई भरोषा कैसे करेगा?
मर्यादा टूटे तो, इंसान जानवर में,
क्या फर्क रह जायेगा ?।
💔 प्यार, वो नहीं जो रिश्तों में धोखा दे जाए,
💔 प्यार, वो है जो दुनिया में सम्मान बढ़ाये।
🔥 चरित्र, वही जो रिश्ते में भरोषा बनाये,
🔥 वरना इश्क़ भी, चरित्रहीन कर देता है।
माँ-बाप का आशीर्वाद हो,
तो रिश्ता, पवित्र बनता है,
रिश्तों को धोखा देकर प्यार,
पाप का कलंक लगता है।
जो न निभा सके भरोसा,
वो प्रेम नहीं, छलावा है,
जो मर्यादा में बंधे, वही चरित्रवान,
बो ही घर को, मंदिर बनाता है।
रिश्तों की गरिमा में ही है,
जीवन की सच्चाई का भरोसा,
मर्यादा से ही प्यार बना,
शुद्ध सास्वत प्रेम महान।
भरोसे से संभालो इन रिश्तों को,
ये हैं भगवान के वरदान ,
मर्यादा से बंधे प्यार में ही,
छुपे हैं, इंसानियत के प्राण ।
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