swami rupeshwaranand

मै ऐसा देश देखना चाहता हुं , यह शरीररुपी वस्त्र त्यागने के पुर्व --
1- जिसे देश में घर घर गौ माता प्रेम के साथ दिखाई दे
2- जिस देश क झंडा हर घर पर भगवा फ़हराता हुआ दिखाई दे
3- जिस देश में गंगा,यमुना आदि नदियों का पावन जल निर्मल झर झर बहता हुआ दिखाई दे
4- जिस देश में प्रात: सुर्य को अर्घ्य देते हुए लोग दिखाई दे
5- जिस देश में सायं को सभी मंदिरों में आरती के समय भीड दिखाई दे
6- जिस देश में लोग और छोटे छोटे संस्कृत बोलते हुए जगह जगह दिखाई दे। अंग्रेजी का कही नाम न हो ।
7- जिसे देश में लोग सुन्दर साफ़ सुथरे स्वदेशी वेषभुषा वस्त्र पहने लोग कार्य करते हुए दिखाई दे
8- जिस देश का किसान बैलों से खेती करते हुए दिखाई दे
9- जिस देश का युवा अखाडे में कसरत करता हुआ दिखाई दे (क्रिकेट नही )
10- जिसे देश में एक भी म्लेच्छ दिखाई न दे ( म्लेच्छ माने मुल्ले )
11- जिस देश का नेता शास्त्री जी की तरह सादगी से जीवन जीता हुआ और लोगों के बीच पैदल भ्रमण करता हुआ दिखाई दे
12- जिस देश में साधू संत गंगा किनारे छोटी छोटी कुटिया डालकर भजन करते हुए दिखाई दे
13- जब सायं को गांव के ग्रामीण वृध्द पीपल के नीचे बैठे हुए रामचरित मानस पढते हुए दिखाई दे
14- जिस देश की नारीयों के चेहरे पर श्रृंगार के सौंदर्य की जगह शील, लज्जा और शालीनता का भाव दिखाई दे और जो स्वदेशी वेषभुषा में हो ………।

शायद मै आप लोगों को भुतकाल में ले गया ????? लेकिन

यह कुछ मेरे मन में भावनाएं है कि, मुझे मेरा देश ऐसा दिखाई दे । परन्तु लगता है मेरा यह भाव एक सपना बनकर ही रह जायेगा ।..................swami rupeshwaranand
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