एक दिन में 24 घंटे होते हैं। प्रकृति के अनुसार दिन का समय कार्य के लिए एवं रात्रि का समय विश्राम के लिए निर्धारित किया गया है, किंतु कुछ लोग सोचते हैं कि 24 घंटे में जितना काम कर सकें, कर लें। वे 7-8 घंटे सोने को विलासिता मानते हैं, किंतु विभिन्न शोधों के अनुसार वयस्कों का इतने घंटे सोना कतई विलासिता नहीं है, यह तो शारीरिक जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों को तो इससे भी ज्यादा समय के लिए सोने की सलाह दी जाती है। हां, कम सोना शरीर के साथ ज्यादती अवश्य है।
आधुनिक सुख-सुविधाओं के चलते अब लोगों की शारीरिक गतिविधियों का कम होना, खान-पान पर ध्यान न देना, सारे दिन बंद कमरों में बैठे रहना, अवसादग्रस्त रहना, मोटापा बढ़ना आर्थेराइटिस, डायबिटीज जैसी बीमारियां, महिलाओं में हॉट फ्लेशेज (मेनोपॉज के समय हार्मोन में बदलाव की प्रक्रिया), पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना, नींद में चलने की बीमारी होना भी नींद की कमी के लिए जिम्मेदार है।
चिकित्सकों द्वारा किए गए अध्ययनों में भरपूर नींद न लेने के कई दुष्परिणाम सामने आए हैं। यह भी पाया गया है कि कम नींद लेने वाले लोगों का वजन बढ़ने की अधिक संभावना रहती है।
अध्ययनों के अनुसार कम सोने से मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस में सक्रिय न्यूरॉन्स के एक समूह की कार्यशैली गड़बड़ा जाती है। यहीं पर ओरेक्सिन नामक हार्मोन भी सक्रिय होता है, जो खानपान संबंधी व्यवहार को नियंत्रित करता है। कम सोने से आपके कार्य की गुणवत्ता में कमी आ सकती है और यहां तक कि सोचने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है और कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती है, जैसे गाड़ी चलाते समय नींद का झोंका आ सकता है।
अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों पर नींद को लेकर किए गए एक अध्ययन में कम नींद लेने वाले लोग अस्वस्थ्य, थके-थके, कम आकर्षक नजर आए, वहीं भरपूर नींद लेने वाले लोगों के परिणाम ठीक इसके उलट पाए गए। शोधों में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद लेने से लोग बेहतर काम कर पाते हैं, क्योंकि शरीर और मस्तिष्क दोनों को आराम की सख्त जरूरत होती है।
गहरी नींद से सोकर उठने पर आप स्वयं को तरोताजा तो महसूस करते ही हैं, साथ ही इससे एकाग्रता और याददाश्त भी बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक तंत्र भलीभांति काम करता है। आपकी उत्पादकता और संवेदनशीलता बढ़ाने तथा खूबसूरती को निखारने में भी पर्याप्त नींद की अहम भूमिका है।
अच्छी और मीठी नींद के लिए कुछ आसान से टिप्स पेश है :
* नियमित व्यायाम करें एवं सोने के 3 घंटे पूर्व ज्यादा थकाने वाला व्यायाम न करें।
* अपनी दिनचर्या में सोने के लिए समय निर्धारित करें और सप्ताहांत के दौरान भी उसे अमल में लाएं।
* यदि आप दिन में झपकी लेते हैं तो कोशिश करें कि वह 20 से 30 मिनट की हो और दोपहर की शुरुआत में हो।
* यदि सोने के समय आपको कोई विचार परेशान कर रहा है तो उसे कागज पर लिख लें और सुबह तक उसे भूलने की कोशिश करें।
* दिन के 3 बजे बाद कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन न करें।
* सोने के पहले गरिष्ठ भोजन न करें और न ही भूखे पेट सोएँ। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हल्का-फुल्का नाश्ता ले सकते हैं।
* यदि आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें। निकोटिन का सेवन भी नींद में बाधक है। अल्कोहल लेना भी नींद खराब करता है।
* यदि रात्रि में आपको बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होती है तो रात्रि के समय पेय पदार्थ लेने की मात्रा कम कर दें।
आधुनिक सुख-सुविधाओं के चलते अब लोगों की शारीरिक गतिविधियों का कम होना, खान-पान पर ध्यान न देना, सारे दिन बंद कमरों में बैठे रहना, अवसादग्रस्त रहना, मोटापा बढ़ना आर्थेराइटिस, डायबिटीज जैसी बीमारियां, महिलाओं में हॉट फ्लेशेज (मेनोपॉज के समय हार्मोन में बदलाव की प्रक्रिया), पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना, नींद में चलने की बीमारी होना भी नींद की कमी के लिए जिम्मेदार है।
चिकित्सकों द्वारा किए गए अध्ययनों में भरपूर नींद न लेने के कई दुष्परिणाम सामने आए हैं। यह भी पाया गया है कि कम नींद लेने वाले लोगों का वजन बढ़ने की अधिक संभावना रहती है।
अध्ययनों के अनुसार कम सोने से मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस में सक्रिय न्यूरॉन्स के एक समूह की कार्यशैली गड़बड़ा जाती है। यहीं पर ओरेक्सिन नामक हार्मोन भी सक्रिय होता है, जो खानपान संबंधी व्यवहार को नियंत्रित करता है। कम सोने से आपके कार्य की गुणवत्ता में कमी आ सकती है और यहां तक कि सोचने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है और कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती है, जैसे गाड़ी चलाते समय नींद का झोंका आ सकता है।
अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों पर नींद को लेकर किए गए एक अध्ययन में कम नींद लेने वाले लोग अस्वस्थ्य, थके-थके, कम आकर्षक नजर आए, वहीं भरपूर नींद लेने वाले लोगों के परिणाम ठीक इसके उलट पाए गए। शोधों में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद लेने से लोग बेहतर काम कर पाते हैं, क्योंकि शरीर और मस्तिष्क दोनों को आराम की सख्त जरूरत होती है।
गहरी नींद से सोकर उठने पर आप स्वयं को तरोताजा तो महसूस करते ही हैं, साथ ही इससे एकाग्रता और याददाश्त भी बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक तंत्र भलीभांति काम करता है। आपकी उत्पादकता और संवेदनशीलता बढ़ाने तथा खूबसूरती को निखारने में भी पर्याप्त नींद की अहम भूमिका है।
अच्छी और मीठी नींद के लिए कुछ आसान से टिप्स पेश है :
* नियमित व्यायाम करें एवं सोने के 3 घंटे पूर्व ज्यादा थकाने वाला व्यायाम न करें।
* अपनी दिनचर्या में सोने के लिए समय निर्धारित करें और सप्ताहांत के दौरान भी उसे अमल में लाएं।
* यदि आप दिन में झपकी लेते हैं तो कोशिश करें कि वह 20 से 30 मिनट की हो और दोपहर की शुरुआत में हो।
* यदि सोने के समय आपको कोई विचार परेशान कर रहा है तो उसे कागज पर लिख लें और सुबह तक उसे भूलने की कोशिश करें।
* दिन के 3 बजे बाद कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन न करें।
* सोने के पहले गरिष्ठ भोजन न करें और न ही भूखे पेट सोएँ। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हल्का-फुल्का नाश्ता ले सकते हैं।
* यदि आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें। निकोटिन का सेवन भी नींद में बाधक है। अल्कोहल लेना भी नींद खराब करता है।
* यदि रात्रि में आपको बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होती है तो रात्रि के समय पेय पदार्थ लेने की मात्रा कम कर दें।
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