याददाश्त बढ़ाती है सौंफ - सौंफ से सुधारें सेहत Fennel improves memory - improve health with fennel

पेट की बीमारियों के लिए यह बहुत प्रभावी दवा है जैसे मरोड़, दर्द और गैस्ट्रिक डिस्ऑर्डर के लिए। 

दिलचस्प बात यह है कि सौंफ आपकी याददाश्त बढ़ाती है, निगाह तेज करती है, खांसी भगाती है और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रण में रखती है। 

अगर आप चाहते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर न बढ़े तो खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। 

सूखी, रोस्टेड और कच्ची सौंफ को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे खाने के बाद खाएं। इससे पाचनक्रिया बेहतर रहेगी और आप हल्का महसूस करेंगे। 

अगर आप एक चम्मच सौंफ 2 कप पानी में उबाल लें और इस मिश्रण को दिन में दो-तीन बार लें तो आपकी आंतें अच्छा महसूस करेंगी और खांसी भी लापता हो जाएगी। 

सौंफ की पत्तियों में खांसी संबंधी परेशानियां जैसे दमा व ब्रोन्काइटिस को दूर रखने की भी क्षमता होती है। 

सौंफ को अंजीर के साथ खाएं और खांसी व ब्रोन्काइटिस को दूर भगाएं। मासिक चक्र को नियमित बनाने के लिए सौंफ को गुड़ के साथ खाएं।

चमत्कारी सौंफ के सेहत के लिए फायदे कुछ इस प्रकार हैं- 

भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है। 

5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और ंखों की ज्योति ठीक रहती है। अपच संबंधी विकारों में सौंफ बेहद उपयोगी है। बिना तेल के तवे पर तली हुई सौंफ और बिना तली सौंफ के मिक्चर से अपच के मामले में बहुत लाभ होता है। 

ND
दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होती है। 

अस्थमा और खांसी के उपचार में सौंफ सहायक है। 

कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना उपयोगी है। 

गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है। 

यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है।

एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। 

शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए। 

सौंफ के पावडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है। भोजन के बाद 10 ग्राम सौंफ लेनी चाहिए।

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