कैसी हो लाइफ स्टाइल छात्रों की विद्यार्थियों के लिए दिनचर्या


* प्रातः काल सूर्योदय से एक घंटा पहले उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर 15-20 मिनट व्यायाम या योगासनों का अभ्यास करने से सुस्ती व शिथिलता मिट जाती है और शरीर में चुस्ती-फुर्ती तथा तबीयत में ताजगी आ जाती है, जिससे पढ़ाई में मन लगता है और पाठ अच्छी तरह याद होता है।

* सूर्योदय से पहले नित्यकर्मों से निवृत्त होने का उद्देश्य यह है कि वातावरण में सूर्य की गरमी फैले इससे पहले ही शौच क्रिया द्वारा मल शरीर से बाहर हो जाए और शीतल जल से स्नान करने से रात को सोने के कारण शरीर में बढ़ी गरमी दूर हो जाए, ताकि मलाशय, अमाशय, पाकाशय, मूत्राशय, शुक्राशय आदि पर व्याप्त हो जाने वाली अतिरिक्त उष्णता कम हो जाए।

* शरीर में अतिरिक्त उष्णता का होना या बढ़ना शरीर और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। सूर्योदय के बाद तक भी जो सोए रहते हैं, उनके शरीर के सभी अंग-प्रत्यंग बढ़ी हुई गरमी से ग्रस्त तो होते ही हैं, ऊपर से वातावरण में व्याप्त सूर्य की गरमी उसमें और वृद्धि कर देती है, इससे कई व्याधियां उत्पन्न होती हैं।

* नित्यकर्म (मुख धोना (दन्त-मंजन करना), शौच जाना और स्नान करना) तथा व्यायाम से निवृत्त होकर पानी में भिगोए हुए चनों को खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। यह अत्यन्त पौष्टिक और बलवर्द्धक नाश्ता है।

* अपनी पढ़ाई करके स्कूल या कॉलेज का जो भी समय हो, उसके अनुसार सुबह-शाम के भोजन का समय निश्चित कर लें और निश्चित समय पर ही भोजन किया करें। भोजन करते समय मन को भोजन पर ही एकाग्र रखें, ताकि प्रत्येक कौर खूब अच्छी तरह से चबा-चबाकर निगल सकें।

* भोजन करते समय बातचीत करना इसीलिए वर्जित किया गया है, ताकि ध्यान भोजन पर और खाई जा रही तथा चबाई जा रही वस्तु पर ही केन्द्रित रहे। इस विधि से भोजन करने से पाचन ठीक होता है, अपच और कब्ज नहीं होती और गैसेज की शिकायत भी उत्पन्न नहीं होती। खाय-पिया अंग लगता है, जिससे शरीर पुष्ट, सुडौल और बलवान होता है।

* शाम को थोड़ा समय खेलकूद और मनोरंजन के लिए निश्चित रखें। टी.वी. ज्यादा न देखें, सिर्फ ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रम ही देखें, ताकि नेत्र ज्योति खराब न हो और व्यर्थ समय नष्ट न हो। शाम का भोजन सोने से तीन घंटे पहले कर लिया करें, ताकि ठीक से हजम हो सके। सोते समय एक गिलास ठंडा किया हुआ दूध पी सकें तो अवश्य पिया करें। यदि आपका शरीर दुबला हो तो इसमें 1-2 चम्मच शहद घोलकर पिया करें। सोने से पहले कुल्ले (दन्त मंजन) करके मुंह साफ करना जरूरी है।

* शाम को 2-3 घंटे पढ़ाई करके 10 से 11 बजे के बीच सो जाया करें। सोते समय दिमाग से सोच-विचार हटाने के लिए अपनी सांस आने-जाने पर ध्यान लगाया करें। इससे नींद जल्दी और गहरी आती है। सोने से पहले हाथ, पैर, मुंह धो लिया करें। सोते समय यह संकल्प करें कि सुबह इतने बजे उठना है। इससे बिना अलार्म के भी ठीक उसी वक्त आपकी नींद खुल जाया करेगी, जितने बजे उठने का संकल्प करेंगे।

* यह कार्यक्रम मोटे तौर पर छात्र-छात्राओं के लिए विद्यार्थी के रूप में तो उपयोगी है ही, जो छात्र-छात्रा नहीं हैं, ऐसे युवक-युवती भी अपने-अपने दैनिक कार्य करते हुए इस कार्यक्रम पर अमल कर सकते हैं, क्योंकि इतना अमल करना सभी के लिए सांझे रूप से उपयोगी एवं स्वास्थ्यरक्षक सिद्ध होगा।
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